नई दिल्ली| कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 146 दिन हो चुके हैं, दूसरी ओर कोरोना के बढ़ते प्रकोप से दिल्ली जूझ रही है वहीं दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत भी झेलनी पड़ रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि, “यह झूठ फैलाया जा रहा है कि किसानों ने ऑक्सिजन से भरे ट्रक और अन्य जरूरी सामान के वाहन दिल्ली की सीमाओं पर रोके हैं।” दरअसल आज किसान मोर्चा की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया कि, “भाजपा आईटी सेल द्वारा लगातार प्रचार किया जा रहा है कि किसानों के धरने कोरोना से लड़ाई में बाधा डाल रहे हैं। वहीं यह झूठ फैलाया जा रहा है कि किसानों ने ऑक्सीजन से भरे ट्रक और अन्य जरूरी सामान के वाहन दिल्ली की सीमाओं पर रोके हुए हैं।”
“किसानों पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है वे कोरोना फैला रहे हैं। सयुंक्त किसान मोर्चा इन तमाम प्रयासों की निंदा व विरोध करता है।”
मोर्चा के अनुसार, “किसानों की कभी मंशा नहीं रही है कि वे सड़कों पर सोएं, अपने घरों व जमीन से दूर रहें। सरकार ने अमानवीय ढंग से इन कानूनों को किसानों पर थोपा है। किसान कुछ नया नहीं मांग रहे हैं, वे सिर्फ उसको बचाने की लड़ाई रहे हैं, जो उनके पास है। इस अस्तित्व की लड़ाई में वे कोरोना से भी लड़ रहे हैं और सरकार से भी।”
दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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