नई दिल्ली| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। यहां भारतीय सेना को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प का सामना करना पड़ा, जिसमें भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए। चीनी सेना के भी सैनिक मारे गए हैं, हालांकि सटीक आंकड़े अभी तक पता नहीं चले हैं।
सिंह ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ साउथ ब्लॉक में बैठक करने के बाद मोदी से मुलाकात की।
1975 के बाद से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ संघर्ष में भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने की यह पहली घटना है।
सिंह ने सेना प्रमुखों से पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली और यह भी चर्चा की कि इसके बाद क्या कूटनीतिक कदम उठाए जाने चाहिए।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने को मंगलवार सुबह कश्मीर का दौरा करना था, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सोमवार रात हुए घटनाक्रम के बाद इसे रद्द कर दिया गया।
भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा, “रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़पों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेना प्रमुख उपस्थित रहे।”
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों के साथ हिंसक झड़प के दौरान सोमवार रात एक अधिकारी सहित तीन भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए।
भारतीय सेना ने कहा कि हिंसक झड़प के दौरान कोई भी गोली नहीं चलाई गई थी।
भारतीय सेना ने एक ताजा बयान में यह भी कहा कि वर्तमान में गलवान घाटी में चल रही डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हुआ, जिसमें दोनों पक्षों से सैनिक हताहत हुए।
दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी वर्तमान में स्थिति को शांत करने के लिए बैठक कर रहे हैं। चीन द्वारा सुबह बैठक आयोजित करने का अनुरोध करने के बाद दोनों पक्षों के बीच एक सामान्य स्तर की बैठक चल रही है।
सोमवार को भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में ब्रिगेड कमांडर और कंपनी स्तर की वार्ता हुई। वार्ता गलवान घाटी के मुहाने के पास पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास और हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट 17 के पास हो रही थी।
–आईएएनएस
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