नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंचाने के लिए राज्य और कें्र दशासित प्रदेशों को दिशा निर्देश दिए जो अपने गृहप्रदेश वापस लौटे हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकारों को प्रवासियों के लिए रोजगार पैदा करने के लिए योजना बनाने और उनकी कार्य क्षमता का पता लगाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम.आर.शाह की पीठ ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के गृह राज्यों को उनके लिए रोजगार सूजन का पता लगाना चाहिए और इसके अलावा अगर वे अपने घर जाने चाहते हैं तो इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए।
पीठ ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों को मंगलवार यानी आज से 15 दिनों के अंदर उनके घरों को भेजा जाना चाहिए और उनके गृह प्रदेश द्वारा पंजीकरण के जरिए उनकी पहचान की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने राज्य और कंद्रशासित प्रदेशों को इस संबंध में 8 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही चलकर अपने घरों को गए प्रवासी मजदूरों के खिलाफ शिकायत वापस लेने के निर्देश दिए।
पीठ ने यह आदेश कोरोनावायरस की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर दिया है। शीर्ष अदालत ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। शीर्ष अदालत ने साथ ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदशों को नौकरियों और लाभकारी योजनाओं के बारे में बताने के लिए काउंसलिंग सेंटरों को स्थापित करने का आदेश दिया।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि संबंधित प्रशासन को मजदूरों की विस्तृत जानकारियों को भी एकत्रित करना चाहिए,जिसमें उनके पूर्व के कामों की जानकारियां हो। साथ ही काउंसलिंग सेंटरों को उन्हें रोजगार दिलाने में मदद करना चाहिए।
–आईएएनएस
और भी हैं
‘हम इस तरह नहीं जी सकते’, दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद में एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष के सामने रो पड़ीं महिलाएं
ये ‘फरार’ इश्क : ऐसी मोहब्बत पर सिर पीट लेंगे, बेटी के ससुर से प्यार तो समधन फरार, सिलेंडर तक ले गई
अमेरिका : भारतीय छात्रा को कार ने रौंदा, इलाज के लिए क्राउड फंडिंग से जुटाए गए पैसे, नहीं बच सकी जान