इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के दो सिपाहियों को अंडमान निकोबार द्वीप समूह पुलिस ने पोर्ट ब्लेयर में नाविक भर्ती परीक्षा घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया है। इन सिपाहियों समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अंडमान पुलिस के अनुसार दिल्ली पुलिस के सिपाही मोहित यादव और सिपाही मनोज छिकारा को गिरफ्तार किया गया है।
रिवाड़ी में नारायण पुर का निवासी सिपाही मोहित यादव राष्ट्रपति भवन सुरक्षा में तैनात है। सिपाही मनोज छिकारा मध्य जिला में तैनात है।
नाविक भर्ती परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों प्रवीण कुमार (निवासी रिवाड़ी) और प्रवीण मलिक (निवासी सोनीपत) को भी गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में गिरफ्तार तकनीक के माहिर जितेंद्र मलिक (निवासी सोनीपत) की पोर्ट ब्लेयर में कंप्यूटर लैब लगाने में अहम भूमिका है।
इस सुनियोजित और संगठित अपराध के मास्टरमाइंड की ओर से जितेंद्र मलिक और मनोज छिकारा यह काम कर रहे थे।
भारतीय तट रक्षक की ओर से नाविक पद की भर्ती के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंम्प्यूटिंग (सी-डीएसी) ने ऑन लाइन परीक्षा आयोजित की थी। सी-डीएसी ने 20 मार्च को पुलिस को सूचना दी कि एक कंम्प्यूटर सिस्टम में दूर से घुसपैठ (हैक) कर परीक्षा में धोखाधड़ी/ गड़बड़ी की गई है।
इस सूचना के आधार पर तफ्तीश शुरु कर पुलिस पोर्ट ब्लेयर के परीक्षा केंद्र, इलीट कंम्प्यूटर सॉल्यूशन, डॉली गंज पहुंच गई। तकनीक के विशेषज्ञ की मदद से उस कंप्यूटर का पता लगा लिया जिसका इस्तेमाल भर्ती परीक्षा घोटाले में किया गया था। इसके बाद पुलिस इस घोटाले में शामिल होटलों में ठहरे अभियुक्तों तक पहुंच गई।
अभियुक्तों ने मोटी रकम के एवज परीक्षा में पास कराने का उम्मीदवारों को वादा किया था।
कंप्यूटर में घुसपैठ करके दूर से ही कंम्यूटर में पहुंच बनाई गई। अभियुक्तोंं की प्रश्नपत्र हल करने वाली टीम ने पेपर हल कर उसके उत्तर दूर से ही उस कंम्प्यूटर में भर दिए थे। इस तरह दूर बैठ कर धोखाधड़ी करके योग्यता आधारित भर्ती परीक्षा को बायपास किया गया।
इस मामले के मास्टर माइंड और अन्य अभियुक्तों की तलाश की जा रही है।
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