नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें बयान देने से रोकने के लिए सोमवार को निर्वाचन आयोग पर रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। आयोग ने केजरीवाल को लोगों से यह कहने पर प्रतिबंध लगा दिया है कि अन्य पार्टियों से पैसे ले लो लेकिन वोट आम आदमी पार्टी (आप) को ही दो।
आयोग ने शुक्रवार को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर केजरीवाल पर शिकंजा कसा था और उन्हें कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को पत्र लिखा है।
केजरीवाल पर गोवा में 4 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पैसे लेकर वोट देने के लिए लोगों को ‘जानबूझकर उकसाने’ का आरोप लगाया गया था।
केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है, “आरोप निराधार हैं। सत्य यह है कि मैं रिश्वतखोरी रोकने की कोशिश कर रहा हूं। पूरा देश जानता है कि भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से लड़ने के लिए ‘आप’ का जन्म हुआ और पार्टी इसे समाप्त करने को प्रतिबद्ध है।”
केजरीवाल ने कहा कि वह लोगों को रिश्वत लेने के लिए नहीं उकसा रहे थे।
उन्होंने लिखा है, “मैं क्या गलत कह रहा हूं? अगर मैं कहता कि जिस पार्टी से आपने पैसे लिए हैं उसी को वोट दीजिए तो यह रिश्वतखोरी होगी। मैं उनसे कह रहा हूं कि जो पार्टी आपको पैसे देती है उसे वोट नहीं दीजिए। ”
आप नेता ने कहा, “मेरा बयान रिश्वतखोरी कम करेगा। जब पैसे बांटने वाली पार्टियां महसूस करेंगी कि पैसे लेने के बाद भी लोग उन्हें वोट नहीं देंगे तो वे पैसे बांटना बंद कर देंगी।”
केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी से पैसे लेने के बाद भी दिल्ली के लोगों ने आप को वोट दिया था और ये पार्टियां दोबारा पैसे बांटने से पहले दो बार सोचेंगी, क्योंकि ‘वे सोचेंगी कि यह व्यर्थ है।’
उन्होंने लिखा है, “मुझको बयान देने से रोक कर निर्वाचन आयोग रिश्वतखोरी रोकने की जगह इसे बढ़ावा दे रहा है। दिल्ली की अदालत ने भी फैसला दिया है कि मेरा बयान किसी को रिश्वत लेने के लिए नहीं उकसाता है।”
केजरीवाल ने कहा कि मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसे के इस्तेमाल को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग 70 साल से कोशिश कर रहा है, लेकिन यह केवल बढ़ा ही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर चुनाव आयोग मेरे बयान को स्वीकार करता है और विज्ञापन देता है कि लोगों को उन पार्टियों को वोट नहीं देना चाहिए जो उन्हें पैसे की पेशकश करती हैं, तो मेरा दावा है कि पार्टियां दो साल में पैसे बांटना बंद कर देंगी।”
(आईएएनएस)
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