नई दिल्ली : देश की एक बड़ी आबादी हिंदी भाषी है, जिसे डिजिटल दुनिया में काफी भाषाई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनकी अंग्रेजी भाषा में दक्षता नहीं है, मगर हिंदी में उनकी अभिव्यक्ति अच्छी है। ऐसे लोगों के लिए लॉजिटेक ने बहुभाषी एमके235 कीबोर्ड पेश किया है, जिसका इस्तेमाल करके हिंदी भाषी पूरी रफ्तार के साथ हिंदी लिख सकते हैं और अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त कर सकते हैं। लॉजिटेक (Logitech) ने कहा कि यह कीबोर्ड उन लोगों को सशक्त बनाने के लिए उतारा गया है, जो अंग्रेजी की जगह हिंदी को महत्व देते हैं।
इस कीबोर्ड के जरिये आसानी से देवनागरी में टाइपिंग का जा सकती है। एमके-235 एक वॉयरलेस कीबोर्ड और माउस का कॉम्बो है, जिसकी कीमत 1,995 रुपये रखी गई है।
यह एक पारंपरिक फुल साइज कीबोर्ड है और इस पर एंटी फेडिंग ट्रीटमेंट किया गया है, ताकि अक्षर मिटे नहीं। इसकी बैटरी पर 3 साल की वारंटी दी गई है। यह कीबोर्ड कंप्यूटयर डिवाइस से 10 मीटर दूर होने पर भी काम करता है।
इस कीबोर्ड का वजन बैटरियों के साथ 475 ग्राम है और बैटरियों के बिना 425 ग्राम है। इसमें ट्रिपल ए साइज की दो बैटरियां लगती हैं। वहीं, इसके साथ दिए जानेवाले माउस का वजन 70.5 ग्राम है। माउस में डबल ए साइज की एक बैटरी लगती है।
सुरक्षा के लिए एमके235 कीबोर्ड वायरलेस एनक्रिप्शन के साथ काम करता है, जो डिवाइस और रिसीवर के बीच 128-बिट एंडवांस्ड एनक्रिप्शन स्टैंडर्ड (एईएस) पर काम करता है।
कंपनी ने बताया कि एमके235 कीबोर्ड से उसका लक्ष्य देशी भाषाओं में पूरी तरह से टाइपिंग समस्या का समाधान करना है, जिसे ‘डिजिएटभारत’ अभियान के तहत बाजार में उतारा गया है।
लॉजिटेक एशिया प्रशांत के प्रबंध निदेशक (भारत और दक्षिण पश्चिम एशिया) सुमंता दत्ता कहा कि ‘डिजिएटभारत’ अभियान के माध्यम से लाखों लोगों को परस्पर जोड़ा जाएगा तथा यह देश में डिजिटल दूरियों को मिटाने का काम भी करेगा। ‘डिजिएटभारत’ अभियान टेलीमेडिसिन, टेलीजस्टिस और टेली-एजुकेशन के लिए लॉजिटेक टेक्नोलॉजी का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को बेहतर बनाएगा तथा स्थानीय भाषाओं में कन्टेंट सृजन और कन्टेंट खपत के प्रसार में भी योगदान करेगा।
दत्ता ने बताया, “हमें ‘डिजिएटभारत’ अभियान के माध्यम से ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को आगे बढ़ाते हुए गर्व हो रहा है और हमें भरोसा है कि यह देश में डिजिटल विभाजन को कम करने में योगदान देगा।”
उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि भाषा कभी भी नवीनतम प्रौद्योगिकी के प्रयोग और उसे अपनाने की राह में बाधा नहीं बननी चाहिए। कीबोर्ड में भाषायी चयन की क्षमता जोड़कर हम भाषायी विभाजन को और कम करने तथा लाखों नए प्रयोक्ताओं को ‘डिजिटल इंडिया’ आंदोलन से जुड़ने का अवसर प्रदान करेंगे।”
–आईएएनएस
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