कानपुर: कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे आज कानपुर में एक मुठभेड़ में मारा गया है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी सवाल उठाए कहा कि विकास दुबे के साथ उन सभी सबूतों और साक्ष्यों का एनकांउटर हो गया जिससे अपराधी, सत्ता में बैठे उसके संरक्षकों का पदार्फाश होता।
समाजवादी पार्टी ने अपने ट्वीटर पर लिखा कि “विकास दुबे के साथ उन सभी सबूतों, साक्ष्यों का भी एनकाउंटर हो गया जिससे अपराधियों, पुलिस और सत्ता में बैठे उसके संरक्षकों का पदार्फाश होता! विकास के जरिए उन सभी को बचाने की कोशिश की है जो नेक्सेस में उसके मददगार रहे?आखिर उन सत्ताधीशों पर कार्रवाई का क्या जिनका नाम उसने स्वयं लिया।”
इसके पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गाड़ी पलटने पर ट्वीट करके लिखा था, “दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।”
कानपुर पुलिस पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया, “विकास दुबे जो कि 5 लाख रुपए का वांछित अभियुक्त है। उसे उज्जैन से कानपुर गिरफ्तार कर लाया जा रहा था। तभी कानपुर के भौंती के पास पुलिस का वाहन दुर्घटना होकर पलट गया। जिसमें उसमें बैठे अभियुक्त और पुलिसकर्मी घायल हो गये। इसी दौरान विकास दुबे पुलिस कर्मी की पिस्टल छीनकर भागने लगा। पुलिस टीम ने उसका पीछा करके आत्मसमर्पण के लिए कहा किन्तु वह नहीं माना और पुलिस पर फायरिंग करने लगा। पुलिस ने भी आत्मरक्षा के लिए जवाबी फायरिंग की जिसमें वह घायल हो गया। इजाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गयी।”
कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मिला था। छह दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, जिस कुख्यात अपराधी को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी, उसकी गिरफ्तारी उतनी ही नाटकीय ढंग से हुई।
ज्ञात हो कि कानपुर जिला मुख्यालय से करीब 38 किमी दूर चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू में गत शुक्रवार (2-3 जुलाई की रात) को विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस टीम पहुंची थी। इस दौरान कुख्यात विकास और उसके साथियों ने हमला कर दिया था, जिसमें सीओ, एसओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
–आईएएनएस
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