नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) के आह्वान पर विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल को उसके पद से हटाने और 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर तमाम शिक्षक संगठनों ने सोमवार को घरों में रहकर सुबह 11बजे से लेकर 1 बजे तक ऑन लाइन धरना देकर अपना विरोध प्रकट किया । ऑन लाइन धरने में 140 से अधिक जुड़े और अपनी बात रखी । ऑन लाइन धरना स्थल से आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के प्रभारी डॉ. हंसराज ‘सुमन ‘ ने केबिनेट मंत्री श्री गोपाल राय और कॉलेज गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन श्री मुनीश कौशिक को वट्सएप/ईमेल के माध्यम से डूटा की मांग का समर्थन करते हुए एक ज्ञापन दिया । ऑन लाइन धरने का असर नार्थ कैम्पस के कॉलेजों में ज्यादा देखने को मिला जहाँ शिक्षकों ने क्लासेज ना लेकर धरने से जुड़कर पूरी तरह से सफल बनाया। बता दें कि आज के ऑन लाइन धरने में विवेकानंद कॉलेज के एडहॉक टीचर्स काफी संख्या में जुड़े ।
एडहॉक शिक्षकों ने आज के इस धरने पर अपनी एकता का परिचय देते हुए 11 से 1 बजे के बीच के समय की क्लासेज का पूरी तरह बायकट किया। धरने का नेतृत्व डूटा अध्यक्ष राजीब रे के अलावा तमाम शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने इसमें भाग लिया। डीटीए प्रभारी डॉ. हंसराज ‘सुमन’ ,पूर्व डूटा अध्यक्ष डॉ. आदित्य मिश्रा, ईसी सदस्य डॉ. वी. एस. नेगी विद्वत परिषद सदस्य श्री सुनील कुमार ,डॉ. आलोक पाण्डेय ,डॉ. प्रेमचंद , डीटीए अध्यक्ष डॉ. आशा रानी ने भी धरने में भाग लिया ।
डीटीए प्रभारी डॉ. हंसराज ‘सुमन ‘ ने विवेकानंद कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन श्री मुनीश कौशिक को लिखे पत्र में उन्हें बताया है कि विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल का 5 साल से अधिक कार्यकाल होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे एक्सटेंशन देने से मना कर दिया है । उनका कहना है कि वह किस आधार पर अभी तक पद पर बनी हुई है , उन्होंने कहा है कि गवर्निंग बॉडी की वैधानिक, नैतिक जिम्मेदारी है कि ऑडिनेश 12 के अंतर्गत एडहॉक शिक्षकों का सेवा विस्तार शैक्षणिक सत्र के अंतिम दिन तक होना चाहिए ।डीटीए ने अपने पत्र में दिल्ली सरकार को अवगत कराते हुए आग्रह किया है कि विवेकानंद कॉलेज में उपजे संकट का दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रावधानों के अंतर्गत यथाशीघ्र समाधान के लिए गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन को तत्काल निर्देश देने की मांग की है ।साथ ही उन्होंने 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति और विश्वविद्यालय के द्वारा प्रिंसिपल को कार्यकाल का विस्तार ना देने के कारण पद मुक्त करने की मांग की है ।
डॉ. सुमन ने उन्हें बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के ऑडिनेश -18 के तहत कॉलेज की किसी सीनियर टीचर से प्रिंसिपल के लिए आवेदन मांगें ,यदि कॉलेज में कोई आवेदन नहीं करता है तो ओएसडी की मांग करे ताकि एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति के साथ-साथ कॉलेज के शैक्षिक ,प्रशासनिक कार्यों को पूरा किया जा सकें।
उन्होंने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा कोरोना काल में 30 अप्रैल को विभिन्न विभागों में कार्यरत्त 12 एडहॉक टीचर्स की सर्विस टर्मिनेट कर दी । 29 अप्रैल तक इन एडहॉक टीचर्स का कार्यकाल था ,30 अप्रैल को इन्हें पुनर्नियुक्ति दी जानी थी जिसे प्रिंसिपल ने नहीं दी । उन्होंने बताया है कि 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर वे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में गए जहाँ आयोग ने इन शिक्षकों को हटाने संबंधी कारण पूछा था और एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया । कॉलेज प्रिंसिपल ने ओबीसी आरक्षण को नकारते हुए आयोग को ईडब्ल्यूएस आरक्षण से रोस्टर में हुए बदलाव व विभिन्न विभागों में वर्कलोड समाप्त होने की बात कही । उनका कहना है कि प्रिंसिपल द्वारा दिया गया जवाब के उत्तर में संगठन ने आयोग को अपना रिज्वाइंडर जमा कर दिया है।
डॉ. सुमन ने बताया है 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति को लेकर कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन ने ऑन लाइन आपात बैठक बुलाई। गवर्निंग बॉडी की इस ऑन लाइन मीटिंग में प्रिंसिपल को छोड़कर सभी सदस्यों ने 12 एडहॉक टीचर्स को 30 अप्रैल से पुनर्नियुक्ति दिए जाने का समर्थन किया और कहा था कि जब तक कॉलेज में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती किसी भी एडहॉक टीचर्स को उसके पद से नहीं हटाया जाए लेकिन प्रिंसिपल ने उन्हें 38 दिन हो गए आज तक उन 12 एडहॉक टीचर्स को रिज्वाईनिंग नहीं दी । डॉ. सुमन ने बताया है कि उन्होंने गवर्निंग बॉडी के सदस्यों से बात की तो उनका कहना है कि प्रिंसिपल ईडब्ल्यूएस रोस्टर में बदलाव का हवाला दे रही है और कुछ विभागों में शिक्षकों का वर्कलोड खत्म होने की बात पर अड़ी हुई है । डॉ. सुमन का कहना है कि ईडब्ल्यूएस रोस्टर व वर्कलोड खत्म होने का बहाना बनाकर पिछले 38 दिनों से इन एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति ना करना है। उनका कहना है कि कॉलेज प्रिंसिपल व गवर्निंग बॉडी के बीच इन 12 एडहॉक टीचर्स का मामला पेचीदा होता नजर आ रहा है ।उन्होंने कहा है कि एक ऑफिसीएटिंग प्रिंसिपल द्वारा गवर्निंग बॉडी के निर्णयों को ना मानना ,चेयरमैन को तुरंत अनुशासनात्मक कार्यवाही करनी चाहिए । डॉ. सुमन ने गवर्निंग बॉडी के निर्णय को प्रिंसिपल द्वारा ना मानने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल को तुरंत उसके पद से हटाने की मांग की है ।
उन्होंने बताया है कि पिछले सवा महीने से ये एडहॉक टीचर्स प्रिंसिपल /गवर्निंग बॉडी और डूटा से अपनी गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि ईडब्ल्यूएस रोस्टर के कारण पदों में बदलाव आया है साथ ही वर्कलोड भी खत्म हो गया। उन्होंने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज में लंबे समय से विभिन्न विभागों में जैसे —– कॉमर्स–02 ,इकनॉमिक्स–01 ,इंग्लिश–03 ,कम्प्यूटर साइंस–02 ,संस्कृत–01 ,फूड टेक्नोलॉजी–01 ,मैथमेटिक्स–01 ,इन्वायरमेंट साइंस–01 में एडहॉक टीचर्स के रूप में कार्यरत्त है । इनमें 3 एडहॉक टीचर्स अनुसूचित जाति और 4 अन्य पिछड़ा वर्ग के अलावा 5 सामान्य वर्गों के है । ये शिक्षक काफी समय से एडहॉक टीचर्स के रूप में अपनी सेवा दे रहे है । इनकी रिज्वाईनिंग की मांग को लेकर ही डूटा ने अपना दो दिवसीय ऑन लाइन धरना रखा है ।
डीटीए प्रभारी डॉ.हंसराज सुमन ने गवर्निंग बॉडी से यह भी मांग कि है कि 5 दिसंबर 2019 के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर को लागू करते हुए जब तक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती किसी भी एडहॉक टीचर्स को उनके पदों से नहीं हटाया जाए । डॉ. सुमन का कहना है कि कोरोना काल में ये टीचर्स कहां जाएंगे उनकी जल्द रिज्वाईनिंग हो ।उनका कहना है कि यदि रिज्वाईनिंग नहीं होती है तो डीटीए डूटा पर जीबीएम बुलाने की मांग कर कोई बड़ा निर्णय लेने के लिए बाध्य करेगा ।
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