गांधीनगर| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सोमनाथ मंदिर से जुड़ी तीन परियोजनाओं का अनावरण करते हुए कहा कि भारत ने विश्व पर्यटन में काफी बड़ी उपलब्धि हासिल की है और देश यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 2013 के 65वें स्थान से 2019 में 34वें स्थान पर पहुंच गया है। पीएम मोदी ने कहा, “पिछले सात वर्षों में, देश में पर्यटन के विकास के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। हम ई-वीजा और आगमन पर वीजा के साथ आगे बढ़े हैं। हमने वीजा शुल्क भी कम कर दिया है। हमने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र पर जीएसटी से छूट दी है, जिससे इसे बढ़ावा मिला है। इससे कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।”
पीएम ने कहा कि आने वाले पर्यटकों के लिए कई प्रयास किए गए। उन्होंने कहा, “पर्यटक जब आते हैं तो रोमांच चाहते हैं और उसमें रोमांचित होना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 120 पर्वत चोटियों को ट्रेकिंग के लिए खोल दिया गया है। गाइडों को विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि पर्यटकों को कोई असुविधा न हो। यह नौकरी के अवसर भी प्रदान करेगा।”
राष्ट्र की एकता को मजबूत करने में आध्यात्मिकता की भूमिका का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्षमता का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि देश आधुनिक अवसंरचना का निर्माण कर प्राचीन गौरव को पुनर्जीवित कर रहा है। उन्होंने रामायण संकट का उदाहरण दिया जो राम भक्तों को भगवान राम से संबंधित नए स्थानों से अवगत करा रहा है और उन्हें यह महसूस करा रहा है कि कैसे भगवान राम पूरे भारत के राम हैं।
उन्होंने कहा, “इसी तरह बुद्ध संकट दुनिया भर के भक्तों को सुविधाएं प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 विषयों पर पर्यटन संकट विकसित कर रहा है, जिससे उपेक्षित क्षेत्रों में पर्यटन के अवसर पैदा होंगे।”
उन्होंने कहा कि हमारी सोच इतिहास से सीखकर वर्तमान को सुधारने की होनी चाहिए, एक नया भविष्य बनाने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्वर से लेकर पूर्व में बैद्यनाथ तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर दक्षिण में भारत के अंतिम छोर पर विराजमान श्री रामेश्वर तक, ये 12 ज्योतिलिर्ंग पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम करते हैं। इसी तरह, हमारे चार धामों की व्यवस्था, हमारे शक्तिपीठों की संकल्पना, हमारे अलग अलग कोनों में अलग-अलग तीर्थों की स्थापना, हमारी आस्था की ये रूपरेखा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना की ही अभिव्यक्ति है।”
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पूर्वजों में हमारे देश के दूर-दराज और दूरदराज के क्षेत्रों को हमारे विश्वास के साथ जोड़ने की दूरदर्शिता थी। उन्होंने कहा, “केदारनाथ जैसे पहाड़ी इलाकों में विकास, चार धामों के लिए सुरंग और राजमार्ग, वैष्णव देवी में विकास कार्य, पूर्वोत्तर में हाई-टेक बुनियादी ढांचा दूरियां पाट रहे हैं। इसी तरह, 2014 में घोषित प्रसाद योजना के तहत 40 प्रमुख तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है, जिनमें से 15 पहले ही पूरे हो चुके हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “इसी तरह, 2014 में घोषित प्रसाद योजना के तहत 40 प्रमुख तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है, जिनमें से 15 पहले ही पूरे हो चुके हैं। गुजरात में 100 करोड़ रुपये से अधिक की तीन परियोजनाओं पर काम चल रहा है। तीर्थ स्थलों को जोड़ने पर ध्यान दिया जा रहा है। देश न केवल आम नागरिकों को पर्यटन के माध्यम से जोड़ रहा है बल्कि आगे भी बढ़ रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने देश में 19 प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों की पहचान की है जिन्हें विकसित किया जा रहा है। ये सभी परियोजनाएं आने वाले समय में पर्यटन क्षेत्र में एक नई ऊर्जा प्रदान करेंगी।”
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे देश की परंपराएं हमें कठिन समय के बावजूद कठिनाइयों को भूलकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। हमने देखा है कि कोरोना काल में, पर्यटन लोगों के लिए आशा की किरण है। इसलिए हमें पर्यटन और संस्कृति के लिए अपनी प्रकृति का लगातार विस्तार करना होगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमनाथ, गुजरात में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उद्घाटन की गई परियोजनाओं में सोमनाथ समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर शामिल हैं।
सोमनाथ प्रोमनेड को प्रसाद (पिलग्रिमेज रेजुवेनेशन एंड स्पिरिचुअल, हेरीटेज ऑगमेंटेशन ड्राइव) योजना के तहत 47 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से विकसित किया गया है।
‘पर्यटक सुविधा केंद्र’ के परिसर में विकसित सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र, पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित हिस्सों और पुराने सोमनाथ की नागर शैली के मंदिर वास्तुकला वाली मूर्तियों को प्रदर्शित करता है।
पुराने (जूना) सोमनाथ के पुनर्निर्मित मंदिर परिसर को श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा कुल 3.5 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पूरा किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखी। श्री पार्वती मंदिर का निर्माण 30 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय से किया जाना प्रस्तावित है। इसमें सोमपुरा सलात शैली में मंदिर निर्माण, गर्भगृह और नृत्य मंडप का विकास शामिल है।
–आईएएनएस
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