नई दिल्ली| निजामुद्दीन मरकज मामले में तबलीगी जमात से संबद्ध लोगों को अदालत से जमानत दिये जाने पर विश्व हिंदू परिषद ने सवाल उठाया है। इस मसले पर विहिप ने विदेशी तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को महज 7 हजार के जुर्माने पर छोड़े जाने पर प्रश्न खड़ा किया है।
इस मसले पर विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट कर कहा है, “60 मलेशियाई तबलीगी जमातियों पर वीजा नियमों का उल्लंघन, कोरोना फैलाने और सरकारी आदेशों को नहीं मानने का आरोप था, फिर भी महज 7 हजार के जुर्माने पर छोड़ दिया गया। कितना सहृदय है हमारा देश और कानून, कोरोना साद की गिरफ्तारी क्यों नहीं।”
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा कि इस मसले में किंग पिन मौलाना साद की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है? उन्होंने पूछा कि ये लुका छिपी का खेल कब तक चलेगा? बंसल ने आरोप लगाया कि मौलाना साद न केवल दिल्ली दंगे का सरगना है बल्कि इनके इशारे पर ही हरियाणा के मेवात में हिदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा ये बहुत बड़ा नेक्सस है, बावजूद इसके मौलाना साद की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। बंसल ने कहा कि विकास दुबे की गिरफ्तारी महज 150 घन्टे में हो गयी, लेकिन मौलाना साद की गिरफ्तारी साढ़े तीन महीने में भी नहीं हो पायी।
गौरतलब है कि निजामुद्दीन मरकज मामले में शुक्रवार को 70 बंग्लादेशी नागरिकों को जमानत दे दी गयी। इससे पहले बुधवार को साकेत कोर्ट ने 42 विदेशी लोगों को तबलीगी जमात में शामिल होने के मामले में जमानत दे दी थी। जमानत पाने वालो में फिलीपींस, फिजी, आस्ट्रेलिया समेत कई देशों के नागरिक हैं।
इन आरोपितों को वीजा शर्तों समेत अन्य नियमों के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह मंगलवार को भी निजामुद्दीन मरकज में भाग लेने वाल 122 मलेशियाई नागरिकों को वीजा शर्तो और नियमों का उल्लंघन करने के मामले में जमानत मिल गई थी।
–आईएएनएस
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