नई दिल्ली| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि दो कोरोनोवायरस वैक्सीन को आपात उपयोग के लिए मंजूरी देना इस वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण क्षण है। भारत में 30 जनवरी को कोरोनावायरस के पहले मामले का पता चलने के ग्यारह महीने बाद, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) एल. सोमानी ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन और भारत बायोटेक के ‘कोवैक्सीन’ को आपात उपयोग के लिए मंजूरी दे दी, जिससे टीकाकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया।
वर्धन ने ट्वीट में लिखा, माननीय पीएम नरेंद्र मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में यह एक अहम क्षण है। उन्होंने कहा कि ये टीके कोरोना योद्धाओं के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, अब वैक्सीन के त्वरित और समान वितरण के लिए मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और बुनियादी ढांचे के लाभ को प्राप्त करने का समय आ गया है।
उन्होंने नागरिकों से भी आग्रह किया कि वे टीकों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और प्रतिरक्षण क्षमता के लिए निश्चिंत रहें। उन्होंने पहले लोगों से वैक्सीन के खिलाफ अफवाहों पर विश्वास न करने के लिए कहा था।
केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के. विजयराघवन ने कहा कि टीकाकरण जल्द ही शुरू होगा।
उन्होंने कहा, टीकाकरण जल्द ही शुरू होगा। यह वैज्ञानिकों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, सरकारी एजेंसियों, नियामकों, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।
भारत के सीरम इंस्टीट्यूट (एसआईआई) के सीईओ अडार पूनावाला ने भी कहा कि आने वाले हफ्तों में भारत का पहला कोविड-19 वैक्सीन उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा। पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन निर्माण के लिए उन्होंने जो जोखिम लिया था, वो सही साबित हुआ।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके दो बार लेने पड़ते हैं और इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है।
यह भारत के लिए एक बड़ी राहत है, जो अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरा सबसे अधिक संक्रमण वाला देश है। केंद्र सरकार ने अगले छह से आठ महीनों में अभियान के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है।
–आईएएनएस
और भी हैं
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का पेश किया दावा, 28 को लेंगे शपथ
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से, पेश होंगे कई महत्वपूर्ण विधेयक
आईएफएफआई देश में फिल्म इंडस्ट्री के विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ : अश्विनी वैष्णव