नई दिल्ली। शांत स्वभाव वाले लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने अपने मन माने फैसलों से जनता में असंतोष की ज्वाला भड़क दी है। आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि इसीलिए स्थानीय लोग राजनीतिज्ञ प्रफुल्ल पटेल की जगह किसी आईएएस अधिकारी को प्रशासक नियुक्त किये जाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि पटेल ने वहां शराब की बिक्री शुरू करने की इजाज़त दी है और पशुसंरक्षण के नाम पर गो मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। उनके निर्णयों से लक्षद्वीप में सदियों से चल आ रहा शांतिमय जनजीवन छिन्न भिन्न होता दिखाई दे रहा है।
डॉ आसिफ ने यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा ने अपना साम्प्रदायिक एजेंडा लक्षद्वीप में लागू करने की कोशिश शुरू कर दी है । जो इस भूभाग और देश के हित में नहीं है।
डॉ आसिफ ने कहा कि मुस्लिम बहुल इलाके में शराब की बिक्री शुरु करवाना , बीफ पर प्रतिबंध लगाना लोगों के मूल अधिकारों में हस्तक्षेप है।
फ्रंट के अध्यक्ष डॉ आसिफ ने प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को फौरन हटाने की मांग करते हुए कहा कि पटेल ने मुस्लिम बहुल द्वीपों से शराब के सेवन पर रोक हटा दी है। उनके जन जीवन बर्बाद करने की यह एक साजिश है। लक्षद्वीप में अधिकांश आबादी मछली पालन पर निर्भर है । उन्होंने बताया कि पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों के झोपड़ों को तोड़ने का आदेश भी दिया है। बता दें कि बीजेपी नेता प्रफुल्ल पटेल को दिसंबर 2020 में लक्षद्वीप का प्रशासक नियुक्त किया गया था। उन्होंने करीब 72 लाख वाली आबादी वाले इस द्वीप को अपने निर्णयों से अशांत कर दिया है। उनके अनेक अन्य निर्णय ऐसे हैं, जिससे सदियों से आबाद लोगों को विकास के नाम पर उजड़ा जाएगा। उन्होंने इस लक्षद्वीप के साथ केरल जैसे राज्यों से पहले जैसा संबंध स्थापित रखे जाने की भी मांग की है।
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