ई दिल्ली: शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में चल रहे धरने को अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता दिल्ली विधानसभा चुनाव में खुद के लिए संजीवनी बनाने में जुट गए हैं। पार्टी ने शाहीन बाग को राष्ट्रवाद बनाम गैर-राष्ट्रवाद में तब्दील कर दिया है। भाजपा में यह भावना अब प्रबल हो गई है कि शाहीन बाग चुनाव का टर्निग पॉइंट बन सकता है।
जाहिर तौर पर अब भाजपा की रणनीति भी इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द बन रही है। पार्टी को भरोसा हो चला है कि पांच फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबकुछ साफ-साफ दिखाई देने लगेगा। जाहिर है दिल्ली में चुनावी रणनीति केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तैयार की है और इसी लाइन पर पार्टी अब आगे बढ़ रही है।
गौरतलब है कि शाहीन बाग में सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर 15 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जनवरी के दूसरे सप्ताह से देश के अन्य हिस्से में भी शाहीन बाग जैसे प्रदर्शन की खबर आने लगी है।
भाजपा के एक बड़े नेता का कहना है कि “शाहीन बाग के प्रदर्शन की मंशा उन्हें समझ में आ रही थी। प्रदर्शन में कांग्रेस, वामदल के बड़े नेता, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नेता और कुछ अन्य बड़े लोग जा रहे थे।”
भाजपा नेता ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ कहा, “इसे देखते हुए पार्टी में शीर्ष स्तर पर पहले वेट एंड वाच का निर्णय हुआ। पहले भाजपा के कुछ नेताओं को विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया में शाहीन बाग को लेकर बयान देने को कहा गया। तीर निशाने पर लगता देख, अंत में पार्टी ने इसे लेकर ठोस रणनीति बनाई है।”
भाजपा नेताओ का दावा है कि जनता को वे यह संदेश देने में कामयाब हुए हैं कि शाहीन बाग में प्रदर्शन वे लोग कर रहे हैं, जो इस देश की संसद द्वारा पारित कानून को नहीं मान रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल लोग असम को देश से अलग करने सहित राष्ट्र के टुकड़े-टुकड़े करने को लेकर भाषण दे रहे हैं।
दिल्ली भाजपा के बड़े नेता का कहना है कि “पार्टी अब प्रचार में उतर चुकी है। गृहमंत्री लगातार भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। दिल्ली में 31 जनवरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार करेंगे। इसके अलावा पार्टी द्वारा दिल्ली के हर मतदाता के दरवाजे को खटखटाने का फैसला किया गया है। इसके लिए भाजपा नेता, कार्यकर्ता, सांसद, छात्र संगठनों के लोग घर-घर जाएंगे और शाहीन बाग के प्रदर्शन का सच बताएंगे। भाजपा के इस प्रचार अभियान में कई राज्यों के पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री उतरेंगे।”
पार्टी सू्त्रों के अनुसार, अमित शाह के दिल्ली में पिछले दिनों के प्रचार अभियान ने यहां राजनीतिक दलों के बीच हलचल पैदा कर दी है। जनता के बीच यह बताया जा रहा है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर राष्ट्र गणतंत्र मना रहा था, उसी समय उसे चुनौती देने के लिए शाहीन बाग में गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी की गई थी।
लेकिन इस रणनीति में हाथ जलने का भी खतरा है। मसलन भाजपा के कई नेता भड़काऊ और उतेजक भाषण दे रहे हैं। इस पर भाजपा के इस नेता ने कहा, “ऐसे वातावरण में ऐसा हो जाता है, लेकिन इससे भाजपा की चुनावी रफ्तार को और धार ही मिलेगी। शाहीन बाग में मणिशंकर अय्यर, दिग्विजय सिंह, जेएनयू छात्रसंघ की नेता आइशी घोष के बयानों ने भी भाजपा की काफी मदद की। अंत में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह एक रणनीति के साथ प्रचार अभियान में उतरे। अमित शाह ने चुनाव में मोर्चा खोल दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “भाजपा की इस आक्रमकता ने आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस पार्टी को काफी हद तक रक्षात्मक बना दिया है। भाजपा की इसी रणनीति का परिणाम है कि अब आप के नेता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी बोलने लगे हैं, जो अब तक शाहीन बाग से दूरी बनाकर चल रहे थे। अरविंद केजरीवाल भाजपा के आक्रमक रुख का जवाब देने लगे हैं।”
भाजपा नेता का दावा है कि मतदान की तारीख नजदीक आने तक दिल्ली विधानसभा चुनाव राष्ट्रवाद और गैर-राष्ट्रवाद का पैटर्न ले सकता है, और ऐसा होना पूरी तरह भाजपा के पक्ष में रहेगा।
दिल्ली भाजपा का चुनाव प्रचार, प्रबंधन का काम देख रहे एक नेता ने कहा कि “भाजपा ने बहुत सोच समझकर मोर्चा खोला है। पांच फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा लड़ाई में नंबर वन दिखने लगेगी। राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व के मुद्दे पर जो भी दल कोई अन्य आधार बनाकर टकराएगा, उसे नुकसान उठाना पड़ेगा।”
–आईएएनएस
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