उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार से शुरू हुए उप्र इंवेसटर्स समिट के दूसरे दिन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ग्रेटर नोएडा को सिंगापुर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। नोएडा का विकास होने से मेरठ व आगरा का भी विकास होगा। इससे नोएडा डिजिटल इकोनॉमी का भी बड़ा सेंटर बनेगा। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इन्वेसटर्स समिट के दौरान इलेक्ट्रानिक्स से जुडे एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नोएडा मेडिकल इलेक्ट्रनिक्स का हब बनेगा। थर्मामीटर, एमआरआई की मशीनें व रेडियोलोजी के सामान उत्तर प्रदेश में ही बनेंगे।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “आज देश के 172 अस्पताल ई-हॉस्पिटल हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश के 21 अस्पताल व 5 मेडिकल कॉलेज ई-हस्पिटल के रूप में काम कर रहे हैं। इससे दूरदराज व ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि यूपी में डिजिटल की अपार संभावनाएं हैं। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के समय देश में केवल दो मोबाइल फैक्टरी थी। लगभग चार साल के अंदर भारत में 128 मोबाइल निर्माता कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें से 54 मोबाइल फैक्टरी नोएडा में हैं। वर्ष 2020 तक देश में खपत होने वाले 96 प्रतिशत तक मोबाइल फोन भारत में ही बनेंगे।
रविशंकर ने कहा कि ताइवान की कंपनी मोबाइल क्षेत्र में 7000 करोड़ रुपये का निवेश नोएडा में करने जा रही है। इसमें 45,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। नोएडा में एयरपोर्ट भी बन रहा है।
प्रसाद ने कहा कि ग्रेटर नोएडा को सिंगापुर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। भारत सरकार सहयोग के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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