सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि संदेसरा ग्रुप की कंपनी ‘स्टर्लिंग बॉयोटेक’ पर आयकर विभाग के छापे में सीज़ हुई डायरी में नाम आने के बावजूद राकेश अस्थाना को सीबीआई में नंबर दो पोज़िशन पर नियुक्त क्यूँ किया गया, वो भी निदेशक आलोक वर्मा की लिखित विरोध के बावजूद?
ये हैरान करने वाली बात है कि जिस ‘स्टर्लिंग बॉयोटेक’ मसले में भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई कर रही थी, उसीके एक आरोपी को सीबीआई का विशेष निदेशक बना दिया जाता है! “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” जैसी बड़ी बड़ी बातें बोलने वाले मोदी जी की आख़िर ऐसी क्या मजबूरी थी कि भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे अपने प्रिय अस्थाना को उन्होंने जबरन सीबीआई में उच्च पद पर नियुक्त कर दिया?
श्री राकेश अस्थाना गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी हैं जो गुजरात सरकार द्वारा गठित उस एसआईटी का हिस्सा थे जिसने गोधरा कांड पर मोदी को क्लीन चिट दे डाला था। सूरत, अहमदाबाद और बड़ोदरा में पुलिस अधिकारी के तौर पर कई बड़े पदों पर रहने वाले अस्थाना प्रधानमंत्री मोदी एवं अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। अब तक लालू यादव से लेकर माल्या, नीरव मोदी, चौकसी, मोईन क़ुरैशी जैसे कई संवेदनशील मामलों को देखने वाले अस्थाना की आज पोल खुल गयी है। ज़्यादा बड़ी बात है कि इस भ्रष्ट अधिकारी को संरक्षण और प्रोमोशन देने वाले मोदी जी की भी पोल खुल गयी है।
ज्ञात हो कि देश के जाने माने अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राकेश अस्थाना की सीबीआई में हुई नियुक्ति के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी से पिछले कुछ दिनों से आ रही ख़बरें और अस्थाना पर लगे नए आरोप प्रशांत भूषण के बातों की पुष्टि करते हैं।
अब कुछ लोग मीडिया के माध्यम से इस मसले को एक नया स्पिन देने की कोशिश कर रहे हैं। कह रहे हैं कि सीबीआई के विशेष निदेशक अस्थाना और निदेशक आलोक वर्मा के बीच का यह झगड़ा व्यक्तिगत है। जबकि असल में ये सारा किया धरा जिस एक आदमी का है, वो है श्री नरेंद्र मोदी जिन्होंने नियमों को ताक पर रख कर अपने एक भ्रष्टतम पुलिस अधिकारी के माध्यम से माल्या का लुकआउट नोटिस बदलवाने जैसे न जाने कितने खेल किए हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में ये सरकार देश के संवैधानिक संस्थानों को ध्वस्त करके नरेंद्र मोदी नामक एक व्यक्ति के चरणों में समर्पित करने में लगी हुई है। विश्वविद्यालयों से लेकर परीक्षा भर्ती आयोग से लेकर जांच एजेंसियों तक हर जगह भ्रष्ट एवं चहेते लोगों की नियुक्ति हो रही है और वो भी नियमों का उल्लंघन करके।
चाहे राफेल घोटाले जैसे मामलों में प्रधानमंत्री मोदी का व्यक्तिगत भ्रष्टाचार हो या सीबीआई में किया जा रहा संस्थागत भ्रष्टाचार, ईमानदारी का चोला पहनकर आयी इस सरकार ने देश की जनता के साथ बड़ा छलावा किया है। आने वाले चुनावों में देश की जनता मोदी जी से इसका हिसाब लेगी।
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