चंडीगढ़ | पंजाब में कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि का सिलसिला जारी है। हाल ही में महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित प्रसिद्ध सिख धर्मस्थल श्री हजूर साहिब से लौटे कम से कम 12 लोग पिछले दो दिनों में कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इनमें से सात तरनतारन जिले के और तीन कपूरथला जिले के एक परिवार के हैं।
इनमें से अधिकांश कोरोना संक्रमित अंतर-राज्य सीमाओं पर अनिवार्य चिकित्सा जांच के बिना खुद से अपने गृहनगर पहुंच गए।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लगभग 3,500 तीर्थयात्री अभी भी नांदेड़ में तख्त श्री हजूर साहिब में फंसे हुए हैं, जिनके लिए पंजाब सरकार ने बसों की व्यवस्था की है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि अगले दो-तीन दिनों में सभी जत्थों में पंजाब लौट आएंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने उन सभी को अलग-थलग रखने का फैसला किया है, जो हजूर साहिब से लौटेंगे।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने यहां मीडिया को बताया, “नए मामलों की आमद निश्चित रूप से राज्य के लिए बड़ी चुनौती है, जहां वायरस को रोकने के लिए कई कदम उठाने के बाद स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आई है।”
उन्होंने कहा कि जो लोग कोरोना संक्रमित निकले हैं और तरनतारन के एक गांव के हैं, उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को अपने आने की सूचना नहीं दी थी।
सिद्धू ने कहा, “स्थानीय लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, कम से कम 17 लोगों की जांच की गई और उनमें से सात पॉजिटिव पाए गए।”
उन्होंने कहा, “कपूरथला में भी यही हुआ, जहां एक बच्चा सहित परिवार के तीन सदस्य पॉजिटिव पाए गए।”
राज्य सरकार ने अब उन सभी लोगों को एक अल्टीमेटम जारी किया है, जो तख्त श्री हजूर साहिब में फंसे रहने के बाद खुद से अपने राज्य वापस आ गए हैं और उन्हें निकटतम पुलिस स्टेशन में अपने ठिकाने की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है या ऐसा नहीं करने पर आपराधिक मुकदमे का सामना करने की चेतावनी दी है।
एक अधिकारी ने कहा कि इस तरह की जानकारी को छिपाने पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
सरकार की ओर से राज्य में लौटने वाले तीर्थयात्रियों के लिए, बसों की व्यवस्था की गई है, डॉक्टर उनकी जांच करेंगे और उन्हें 14 दिनों के लिए घर में क्वारंटीन में रहने की सलाह देंगे।
नांदेड़ से सरकारी बसों में सोमवार शाम 467 तीर्थयात्री बठिंडा पहुंचे।
उनके अलावा, 2,800 पंजाबी मजदूर मंगलवार को राजस्थान के जैसलमेर से 61 सरकारी बसों में घर लौटे, जहां वे पांच राहत शिविरों में फंसे हुए थे।
राज्य में कोरोनावायरस मामलों की निगरानी के प्रभारी विशेष मुख्य सचिव के.बी.एस. सिद्धू ने कहा कि हर एक की जांच होगी और अगले 14 दिनों के लिए एक सरकारी संगरोध सुविधा में रहना होगा।
–आईएएनएस
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