वाशिंगटन। अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने अमेरिका के लोगों से यह याद रखने को कहा है कि अमेरिका की प्रसिद्ध विविधता हम जो हैं उसके लिए खतरा नहीं है, बल्कि हमलोग जो हैं वह इसी ने बनाया है। मिशेल ने ह्वाइट हाउस छोड़ने के पूर्व अपने आखिरी संबोधन में शुक्रवार को युवाओं से कहा कि पिछले आठ वर्षो से अमेरिका की प्रथम महिला रहना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है।
एफई न्यूज की खबर के अनुसार, जब उन्होंने कहा, “यहां बैठे हुए तमाम युवा और जो लोग देख रहे हैं यह जान लें कि यह देश आपका है..आप सबका है। चाहे जीवन के किसी भी पृष्ठभूमि से हों।” यह कहते-कहते उनकी आवाज भावुकता से भर गई।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बार भी उन्होंने नाम नहीं लिया लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान किए गए विभाजनकारी एवं आक्रामक शब्दाडंबर के खिलाफ उन्होंने ‘उम्मीद की शक्ति’ की सराहना की। ट्रंप दो हफ्ते के अंदर 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं।
विदा हो रहीं प्रथम महिला ने प्रवासियों की सराहना करते हुए कहा, “वे अमेरिकी गौरवमयी परंपरा के हिस्सा हैं जो नई संस्कृतियां, मेधा और विचार पीढ़ी दर पीढ़ी ढालकर जान फूंकते हैं। इसी ने हमें इस धरती का सबसे महान देश बनाया है।”
इस सबसे पहले वह प्रथम महिला के रूप में देश के युवाओं को निर्देश देना चाहती हैं कि कभी भी किसी को आप यह मत महसूस होने दें कि आपका कोई मतलब नहीं है, या ऐसा कि आपका हमारे अमेरिकियों की गाथा में कोई स्थान नहीं है।
मिशेल ओबामा चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप की कटु आलोचक रही थीं, लेकिन गत आठ नवंबर को ट्रंप की जीत के बाद वह अपने पति और वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिलकर काम रहीं हैं, ताकि ह्वाइट हाउस में सत्ता हस्तांतरण सरलता से संभव हो सके हो जाए।
प्रथम महिला के रूप में मिशेल का आखिरी आधिकारिक भाषण को 2017 के ‘नेशनल स्कूल काउंसलर ऑफ ईयर’ के रूप में उपहार माना जा रहा है।
(आईएएनएस)
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