हरियाणा में महिला पुलिस स्वयंसेवी पहल की शुरुआत की गयी। करनाल और महेंद्रगढ़ जिलों में इस पहल को शुरू करने के साथ ही हरियाणा इस योजना को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया है। मूल रूप से केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा परिकल्पित, महिला पुलिस स्वयंसेवी केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ एक संयुक्त पहल है। हरियाणा ने आज 1000 महिला पुलिस स्वयंसेवी के पहले बैच को शामिल किया। इन स्वयंसेवी को उनकी भूमिका और जिम्मेदारी के लिए राज्य के पुलिस अधिकारियों द्वारा पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।
शुभारंभ समारोह के लिए अपने संदेश में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा, “भारत में महिलाओं को एक सुरक्षित और अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बड़ी संख्या में कदम उठाए गए हैं। महिला पुलिस स्वयंसेवी पहल एक ऐसा ही कदम है। इसमें पुलिस स्वयंसेवी के माध्यम से पुलिस अधिकारियों और गांवों में रहने वाले स्थानीय समुदायों के बीच एक कड़ी के सृजन की परिकल्पना की गई है, जिसमें इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। हम चाहते हैं कि हर गांव में एक ऐसी स्वयंसेवी हो जिसका काम केवल उन मामलों पर नजर रखना हो जहां महिलाओं को परेशान किया जा रहा है या उनके अधिकारों और हकों से वंचित किया जा रहा है या फिर उनके विकास को रोका जा रहा है।
मुझे इस बात की खुशी है कि हरियाणा ने एक बार फिर मेरे मंत्रालय की एक महिला उन्मुख योजना को अपनाया है। मैं इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री को बधाई देती हूं। पीलीभीत में पूर्व निर्धारित कुछ जरूरी कार्यों की वजह से मैं आज इस समारोह में उपस्थित नहीं हो पाई। लेकिन, मुझे विश्वास है कि हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का विस्तार राज्य के सभी जिलों में होगा।”
इस पहल का शुभारंभ करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की युगों पुरानी अवधारणा अंतत: मूर्त रूप ले रही है क्योंकि कथनी को अब करनी में तब्दील किया जा रहा है।
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