शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को आगामी वित्त वर्ष के लिए 41,440 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जोकि राजस्व घाटे का बजट है। केंद्र सरकार के 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के वादे के अनुरूप हिमाचल प्रदेश सरकार ने बजट में कृषि व वाणिकी क्षेत्र को खास तवज्जो दिया है।
वित्त विभाग का कार्यभार भी मुख्यमंत्री यहां खुद संभाले हुए हैं। उन्होंने बजट में 28 परियोजनाओं की घोषणा की जिनमें शिक्षा, नारी सशक्तीकरण, रोजगार सृजन व पर्यटन पर विशेष जोर दिया गया है।
आगामी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पेश बजट में कुल 41,440 करोड़ रुपये व्यय का अनुमान है जिसमें वेतन पर अनुमानित व्यय 11,263 करोड़ रुपये और पेंशन पर होने वाला खर्च 5,893 करोड़ रुपये है।
ठाकुर ने अपना पहला बजट पेश करते हुए कहा कि अनुमानित ब्याज भुगतान 4,260 रुपये है जबकि ऋण भुगतान 3,184 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसके अलावा 448 करोड़ रुपये अन्य ऋणों और 2,741 करोड़ रुपये रखरखाब पर खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने करीब ढाई घंटे तक हिंदी में अपना बजट भाषण दिया।
बजटीय अनुमान के मुताबिक, कुल राजस्व प्राप्तियां 30,400 करोड़ रुपये और कुल राजस्व व्यय 33,568 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इस प्रकार राजस्व घाटा 3,168 करोड़ रुपये रहने का आकलन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सरकारी विद्यालयों के लिए पुस्तक दान स्कीम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद पुस्तक दान दिवस मनाया जाएगा। इस दिन विद्यार्थी अपनी उन पुस्तकों का दान करेंगे जिनकी उन्हें जरूरत नहीं रह गई है। इस तरह वे दूसरे विद्यार्थियों की मदद करेंगे।
ठाकुर ने कहा कि सरकार महीने में एक दिन बैग-मुक्त दिवस घोषित करेगी और विद्यार्थी पूरी तरह सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में हिस्सा लेंगे।
मुख्यमंत्री ने शराब पर प्रति बोतल एक रुपया उपकर लगाने की घोषणा की। उपकर से प्राप्त धन रोगीवाहन सेवा पर खर्च होगा।
–आईएएनएस
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