अमरावती | आंध्र प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी करीब 40,000 महिलाएं मास्क बनाकर प्रतिदिन 500 रुपये कमा रही हैं। ये महिलाएं कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए प्रदेश भर के लोगों के बीच 16 करोड़ मुफ्त मास्क वितरित करने के राज्य सरकार के कार्यक्रम के तहत कार्य कर रही हैं। प्रत्येक नागरिक को तीन मास्क प्रदान करने के सरकार के कार्यक्रम ने महिलाओं को एक ऐसे समय में रोजगार दिया है, जब लोग कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण बड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
स्वयं सहायता समूह 3.5 रुपये प्रति मास्क की दर से मास्क बना रहे हैं। ये 40,000 महिला दर्जी प्रतिदिन 500 रुपये कमा रही हैं।
सरकार का कहना है कि ठेकेदारों को मास्क बनाने का ठेका देने के बजाय मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने महिलाओं के समूहों को यह काम सौंपा, ताकि उन्हें कुछ पैसे कमाने का मौका मिल सके और इससे इस संकट की घड़ी में उनके परिवार की मदद हो सके।
इसके लिए हथकरघा बुनकरों की सहकारी समिति एपीसीओ से मास्क बनाने के लिए आवश्यक कपड़े की खरीद की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, 16 करोड़ मास्क बनाने के लिए 1.50 करोड़ मीटर कपड़े की आवश्यकता होगी। वे 20 लाख मीटर कपड़ा खरीद चुके हैं।
अधिकारियों ने कहा कि रविवार तक 7.28 लाख मास्क तैयार किए गए हैं। उनकी योजना है कि वे अपने उत्पादन को बढ़ाते हुए चार-पांच दिनों में प्रतिदिन 30 लाख मास्क बनाने लगें।
मास्क का वितरण रेड जोन (कोरोना से अति प्रभावित इलाके) में शुरू हो गया है और इसे जल्द ही अन्य क्षेत्रों में भी शुरू कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि मास्क वितरण के लिए मुख्यमंत्री का कार्यक्रम न केवल कोरोनावायरस के प्रसार को कम करने में भूमिका निभा रहा है, बल्कि महामारी के समय में महिलाओं को रोजगार भी प्रदान कर रहा है।
–आईएएनएस
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