नई दिल्ली| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के खिलाफ उनके गृहनगर जम्मू में पहली आवाज उठी और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारे लगाए। इतना ही नहीं, बल्कि आजाद से नाराज कार्यकर्ताओं ने उनका पुतला भी जलाया। इस पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के राज्य अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को दिल्ली बुलाया है।
मीर ने कहा कि वह जम्मू में हाल ही में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की प्रशंसा करने वाले आजाद के भाषण से निराश हैं। वहीं राज्य इकाई के सूत्रों ने कहा कि वे पार्टी में असंतोष जताने वालों का स्वागत करने को लेकर शर्मिदा हैं।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, जिन्होंने जम्मू एवं कश्मीर की पहले वाली स्थिति को हटा दिया है। सूत्रों ने यह भी कहा कि हाल के डीडीसी चुनावों के दौरान आजाद घाटी में मौजूद नहीं थे।
मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख संजय निरुपम ने ट्वीट करते हुए कहा कि पार्टी से सब कुछ पाने वाले अब संगठन के मुद्दों को उठा रहे हैं और चिंता जाहिर कर रहे हैं, लेकिन उनका मकसद पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाना है।
इससे पहले सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी और जितिन प्रसाद ने पश्चिम बंगाल में भारतीय सेक्युलर मोर्चा (आईएसएफ) के साथ वाम-कांग्रेस गठबंधन पर सवाल उठाने के लिए पार्टी नेता आनंद शर्मा पर निशाना साधा था।
पार्टी के भीतर एक ट्विटर युद्ध में, शर्मा ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-वाम-आईएसएफ गठबंधन पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि मूल विचारधारा से समझौता नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है और हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है।
शर्मा ने एक ट्वीट में कहा, “आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।”
बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी ने ट्विटर पर शर्मा को जवाब दिया, जबकि पार्टी के बंगाल प्रभारी प्रसाद ने भी अपने पार्टी के सहयोगी पर एक चुटकी ली।
अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया, “आप अपने तथ्यों को जानिए आनंद शर्मा जी।”
उन्होंने कहा कि माकपा नीत वाम मोर्चा पश्चिम बंगाल में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें कांग्रेस एक अभिन्न हिस्सा है।
चौधरी ने यह कहा, “हम भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति और एक निरंकुश शासन को हराने के लिए ²ढ़ हैं।”
उन्होंने असंतुष्टों से पार्टी के लिए काम करने का भी आग्रह किया। चौधरी ने कहा, “जो लोग भाजपा की विषैली सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्हें कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए।”
इस बीच कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने ट्वीट कर कहा, “पार्टी एवं कार्यकर्ताओं के बेहतर हित को ध्यान में रखते हुए गठबंधन के निर्णय लिए जाते हैं। अब समय आ गया है कि हर व्यक्ति हाथ मिलाए और चुनावी राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए काम करें।”
–आईएएनएस
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