अर्चना शर्मा
जयपुर | बॉलीवुड के प्रतिभावान अभिनेता इरफान खान का बुधवार को निधन हो गया। उनका जन्म और पालन-पोषण जयपुर में हुआ था।
इरफान को बचपन से ही अभिनय का शौक था। हालांकि, उन दिनों पिंक सिटी में सही मंच उपलब्ध न होने के कारण वह नुक्कड़ नाटकों में हिस्सा लेने लगे।
उनके अनुसार, उन दिनों नुक्कड़ नाटक काफी अलग होते थे। इस बारे में उन्होंने कहा था, “मुझे एक फिल्मी ²श्य या एक गीत पर अभिनय करने के लिए कहा गया था, जहां मुझे अभिनेता की नकल करनी थी। उन दिनों नाटकों में गंभीरता नहीं होती थी।”
वह जैसे-जैसे बड़े होते गए, उन्होंने अभिनय के प्रति अपने झुकाव को महसूस किया और इसलिए वह रवींद्र मंच के कार्यालय गए, जो जयपुर में आर्टिस्ट जंक्शन की तरह है, जो रंगमंच, फिल्म और टेलीविजन के अभिनेताओं को प्रशिक्षित करने को समर्पित है।
स्थान की सही जानकारी न होने के कारण वह उत्सुकतापूर्वक एक क्लर्क के कार्यालय में चले गए, जहां उन्होंने विनम्रतापूर्वक अभिनय को लेकर अनुरोध किया।
उन्होंने आगे कहा था, “वह क्लर्क हंस पड़ा और फिर उसने मुझे निदेशक के कार्यालय का रास्ता दिखाया। उसके निर्देशों के अनुसार, मैं निदेशक के पास गया और उसके बाद मुझे थिएटर की दुनिया से परिचित कराया गया। इसके बाद, मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।”
जयपुर इरफान के दिल में बसा था। उन्होंने दुनियाभर में भ्रमण किया, लेकिन जयपुर उनके पसंदीदा जगहों में से एक था।
आईएएनएस के इस पत्रकार से एक मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा था, “इस शहर की एक-एक गली यहां अपनी खुद की एक शाही कहानी बयां करती है। यहां दिखाई देने वाली समृद्ध विरासत दुनिया के किसी अन्य हिस्से में मिलना मुश्किल है। राजसी, भव्य जयपुर अभी तक एक और रहस्य है, जो दुनिया के आश्चर्यों में शामिल है।”
वह भारतीय संस्कृति के प्रशंसक थे। वह कहा करते थे कि वह इस प्राचीन संस्कृति को बनाए रखने में मदद करने के लिए अपने दम पर सभी प्रयास कर रहे हैं। वह रिसर्जेंट राजस्थान के ब्रांड एंबेसडर बने और उन्होंने राज्य को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना शुरू किया।
साल 2016 में जयपुर आने के दौरान उन्होंने कहा था, “बदलते समय के साथ हमारे देश की सदियों पुरानी विरासत गायब हो रही है, जो मेरे लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। मैं हिंदुस्तान की प्राचीन जड़ों को पुनर्जीवित करना चाहता हूं।”
–आईएएनएस
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