चंडीगढ़| पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को बसेरा योजना के तहत तीन जिलों में 3,245 झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को मालिकाना हक देने का आदेश दिया। सिंह ने सितंबर तक कुल 40,000 परिवारों को यह अधिकार देने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
झुग्गी-झोपड़ी विकास कार्यक्रम बसेरा के तहत अधिकार प्राप्त समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने संबंधित विभाग से कहा कि वह राज्य में अधिकतम झुग्गी-झोपड़ी वालों को लाभान्वित करने के लिए मालिकाना हक के सत्यापन और अनुदान की प्रक्रिया में तेजी लाए।
उन्होंने विभिन्न जिलों द्वारा योजना के तहत अब तक की गई प्रगति की समीक्षा की।
मालिकाना हक के लिए मंजूर किए गए 3,245 घर फरीदकोट, संगरूर और फाजिल्का जिलों में 12 स्लम साइटों पर स्थित हैं।
मुख्यमंत्री को सूचित किया गया कि अब तक 20 जिलों में 186 स्लम में 21,431 घरों की पहचान की गई है, जिसमें सत्यापन की प्रक्रिया पूरी तरह से की जा रही है।
वर्चुअल मीटिंग में आगे कहा गया कि 25,000 परिवारों का सत्यापन अगले दो महीनों के भीतर पूरा हो जाएगा और पात्र झुग्गी-झोपड़ी वालों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया एक साथ शुरू की जाएगी।
बैठक में यह भी तय किया गया कि 40,000 परिवारों का सत्यापन सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
मोगा, बठिंडा, फाजिल्का, पटियाला, संगरूर और फरीदकोट जिलों में फैली 21 मलिन बस्तियों के लिए योजना के तहत अब तक हुई दो बैठकों में समिति ने मंजूरी दे दी है।
अभी भी 186 झुग्गियों में लगभग 22,000 घरों की पहचान का प्रक्रिया जारी है।
झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को घर बनाने के अपने सपने को साकार करने में मदद करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा इस वर्ष जनवरी में समावेशी शहरी विकास और योजना की दिशा में एक दूरदर्शी कदम के रूप में शुरू किया गया था।
बता दें कि पंजाब देश का पहला राज्य है, जिसने झुग्गी-झोपड़ी विकास कार्यक्रम बसेरा की शुरूआत की है। इससे द पंजाब स्लम डेवलपर्स (प्रोप्राइटरी राइट्स) एक्ट, 2020 के नोटिफिकेशन की तारीख अर्थात एक अप्रैल, 2020 से किसी भी शहरी क्षेत्र के झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके में राज्य सरकार की जमीन पर काबिज हर निवासी को मालिकाना हक दिया जा सकेगा।
योजना के पहले चरण में कुल 1 लाख झुग्गी-झोपड़ियों के लोगों को लाभ होगा, जिसे बाद में अन्य जिलों में भी बढ़ाया जाएगा।
–आईएएनएस
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