नई दिल्ली | बॉलीवुड के मशहूर व दिग्गज अभिनेता इरफान खान के इस तरह अचानक चले जाने से उनके प्रशंसक बेहद दुखी हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुधवार को उनके निधन के बाद उस दुर्लभ बीमारी के बारे में बताने की कोशिश की, जिससे वह जिंदगी की जंग हार बैठे। इस बीमारी का नाम न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (एनईटी) है। इरफान को अपनी इस बीमारी का पता साल 2018 में चला और उन्होंने अमेरिका में इसका इलाज भी कराया। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर मानव शरीर में कहीं भी हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें तंत्रिकाओं से हार्मोन्स निकालने वाली अन्त:स्त्रावी ग्रंथियों की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विकसित होने लगती हैं और धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैलने लगती हैं।
यह ज्यादातर फेफड़े, अपेन्डिक्स, छोटी आंत, मलाशय और अग्नाशय को प्रभावित करता है। कैंसर का रूप न लेने वाली यह बीमारी काफी घातक होती है।
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार (न्यूरोलॉजी) डॉ. पी.एन.रेनजेन ने आईएएनएस को बताया, “एनईटी की शुरुआत विशिष्ट कोशिकाओं में होती है, जो न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाओं के नाम से जाना जाता है। इनमें हार्मोन बनाने वाली कोशिकाओं और तंत्रिका कोशिकाओं के समान विशेषताएं होती हैं और ये पूरे शरीर में पाए जाते हैं।”
सामान्य तौर पर इसके लक्षण पहले समझ में नहीं आते हैं। डॉ. रेनजेन आगे कहते हैं, “इसके लक्षण शरीर में ट्यूमर की स्थिति और क्या यह अतिरिक्त हार्मोन का उत्पादन कर रहा है, इस पर निर्भर है। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के विकास में शरीर में दर्द हो सकता है, जिसे हम इसके संकेत के आधार पर ले सकते हैं। त्वचा में गांठ, डायट और व्यायाम के बिना वजन का कम होना और थकान भी इसके लक्षण हैं।”
भारत में यह बीमारी प्रति एक लाख व्यक्तियों में महज दो लोगों को होती है।
–आईएएनएस
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