मुंबई: बंगाली सिनेमा जोड़ी जिशु सेनगुप्ता और निलांजना की बेटी और अभिनेत्री सारा सेनगुप्ता का कहना है कि उनकी पहली फिल्म ‘उमा’ मानवता में दोबारा विश्वास जगाने में सक्षम है।
श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित ‘उमा’ की कहानी कनाडा के एक लड़के इवान लेवर्सेज से प्रेरित है। कैंसर से पीड़ित इवान की मौत 2015 में हो गई थी।
लेवर्सेज ‘द बॉय हू मूव्ड क्रिसमस’ (वह लड़का जिसने क्रिस्मस की तारीख बदल दी) के नाम से प्रसिद्ध हो गया था। उसके गृह नगर में क्रिसमस का त्योहार दो महीने पहले ही मनाया गया था जिससे कि यह बच्चा अपनी मौत से पहले त्योहार का हिस्सा बन सके।
सारा ने एक बयान में आईएएनएस से कहा, “मुझे इस फिल्म की कहानी पसंद आई। यह फिल्म मानवता में उम्मीद जगाती है। निजी तौर पर मैं बताती हूं कि कई लोग मुझे हमेशा ही परेशान करते रहे और अभी भी करते हैं, शायद इससे मुझे फर्क नहीं पड़े क्योंकि मैं अलग इंसान हूं और जीवन की लय में एक कदम आगे चलती हूं जो मुझे और बेहतर इंसान बनाता है।”
एक जून को रिलीज हुई ‘उमा’ को न्यूयार्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल और लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग के लिए चुना गया है।
–आईएएनएस
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