नई दिल्ली, 1 अप्रैल । देश का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व मार्च 2024 में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 11.5 प्रतिशत बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये के दूसरे सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों में यह तथ्य सामने आया है।
यह उछाल घरेलू लेनदेन से जीएसटी संग्रह में 17.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि से प्रेरित है। रिटर्न जारी करने के बाद मार्च में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 18.4 प्रतिशत ज्यादा है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में कुल सकल जीएसटी संग्रह 20.14 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो एक साल पहले की तुलना में 11.7 फीसदी अधिक है।
गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष का औसत मासिक संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष के औसत 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि 2023-24 के लिए मार्च 2024 तक रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व 18.01 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
मार्च 2024 के संग्रह का विवरण एक सकारात्मक प्रवृत्ति दर्शाता है:
* केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी): 34,532 करोड़ रुपये
* राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी): 43,746 करोड़ रुपये
* एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी): 87,947 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 40,322 करोड़ रुपये की कर राशि शामिल हैं।
* उपकर: 12,259 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 996 करोड़ रुपये शामिल है।
पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के संग्रह में इसी तरह के सकारात्मक रुझान देखे गए हैं:
* केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी): 3,75,710 करोड़ रुपये
* राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी): 4,71,195 करोड़ रुपये
* एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी): 10,26,790 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 4,83,086 करोड़ रुपये शामिल हैं।
* उपकर: 1,44,554 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 11,915 करोड़ रुपये शामिल हैं
मार्च के दौरान, केंद्र सरकार ने एकत्रित आईजीएसटी से सीजीएसटी को 43,264 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 37,704 करोड़ रुपये का निपटान किया।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, केंद्र सरकार ने एकत्रित आईजीएसटी से सीजीएसटी को 4,87,039 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 4,12,028 करोड़ रुपये दिए।
–आईएएनएस
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