मुंबई: मॉडल-अभिनेत्री उर्वशी रौतेला को लगता है कि महिलाओं के बीच वर्जिनिटी के मुद्दे पर अभी भी दोहरे मापदंड और कलंक हैं, जिन्हें रोकने की जरूरत है। उनका मानना है कि वर्जिनिटी टेस्ट, जो आज भी कई हिस्सों में प्रचलित है, इसे भी रोका जाना चाहिए। उर्वशी की नई फिल्म ‘वर्जिन भानुप्रिया’ इस सप्ताह के अंत में डिजिटल मंच पर रिलीज हुई। फिल्म में वह एक लड़की की भूमिका निभाती हैं, जो अपनी वर्जिनिटी खोना चाहती है।
महिलाओं के चरित्र को आंकने का एक पैमाना क्यों होता है, इस बारे में पूछे जाने पर उर्वशी ने आईएएनएस को बताया, “भारत विरोधाभासों का देश है। एक तरफ हम कामसूत्र के स्थान वाले भी हैं और हमारे पास कामुक मूर्तियों के साथ मंदिर हैं, और दूसरी ओर हमारे यहां महिला वर्जिनिटी को लेकर टैबू भी है। हमारे पास महिला कौमार्य पर बहुत रूढ़िवादी ²ष्टिकोण है जहां हम एक लड़की के चरित्र, नैतिक मूल्य आदि का न्याय करने के लिए एक पैरामीटर के रूप में वर्जिनिटी को लेते हैं। हमारे देश के कई हिस्सों में, महिलाओं को शादी से पहले एक वर्जिनिटी परीक्षण से गुजरना पड़ता है।”
उन्होंने आगे कहा, “वर्जिनिटी का विचार स्त्री में इस तरह से भरा जाता है कि महिलाएं भी हाइमनोफेर्फी और अन्य प्रक्रियाओं से गुजरती हैं। तो हां, यह एक दोहरा मापदंड है जिसे रोका जाना चाहिए। लेकिन अच्छी बात यह है कि लोग बदल रहे हैं और युवा पीढ़ी यह नहीं मांगती है कि उनकी पत्नी को कुंवारी होना आवश्यक है। वर्जिनिटी खोने के लिए प्रेशर नहीं होना चाहिए, अगर कोई अपनी वर्जिनिटी खो देती है तो फैमिली या सोशियल प्रेशर भी किसी लड़की को शर्मिदा करने के लिए नहीं होना चाहिए।”
–आईएएनएस
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