✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

एमएसएमई को 9 जुलाई तक मिला 62000 करोड़ का कर्ज

New Delhi: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses a curtain raiser press conference on the launch of Garib Kalyan Rojgar Abhiyan, in New Delhi on June 18, 2020. (Photo: IANS)

एमएसएमई को 9 जुलाई तक मिला 62000 करोड़ का कर्ज

नई दिल्ली:कोरोना काल में देश के बैंकों ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को नौ जुलाई तक करीब 62,000 रुपये का कर्ज दिया है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने रविवार को दीं।

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कोरोना काल में केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की प्रगति की समीक्षा की।

मंत्रालय ने अनुसार, ईसीएलजीएस के तहत बैंकों ने नौ जुलाई तक 61,987.90 करोड़ रुपये का कर्ज एमएसएमई को दिया जबकि अब तक कुल 1.20 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी गई है।

इस स्कीम के तहत कारोबारियों को राहत देने के मकसद से 29 फरवरी 2020 को बकाया कुल ऋण के 20 फीसदी का अतिरिक्त कार्यशील पूंजी के लिए धन रियायती ब्याज दर पर सावधि ऋण के रूप में प्रदान किया जाता है। यह 25 करोड़ रुपये तक के बकाया ऋण और 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार (टर्नओवर) वाली उन यूनिटों के लिए उपलब्ध होगा, जिनके खाते मानक (स्टैंडर्ड) माने जाएंगे। इन यूनिटों को अपनी ओर से कोई गारंटी या जमानत नहीं देनी होगी। इस राशि पर भारत सरकार की शतप्रतिशत गारंटी होगी। इसके तहत 45 लाख से भी अधिक एमएसएमई को कुल तीन लाख करोड़ रुपये की तरलता (लिक्विडिटी) या नकदी प्रवाह सुलभ कराया जाएगा।

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों यानी एनबीएफसी के लिए 45000 करोड़ रुपये की आंश्कि क्रेडिट गारंटी योजना-2.0 के संबंध में वित्त मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा आंशिक ऋण गारंटी योजना (पीसीजीएस) को संशोधित किया जाएगा और कम रेटिंग वाली एनबीएफसी, एचएफसी और अन्य माइक्रो फाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) की उधारियों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पहले 20 फीसदी की क्षति की सॉवरेन गारंटी देगी।

कोविड-19 के दौरान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक यानी आरआरबी और सहकारी बैंकों के लिए नाबार्ड द्वारा 30,000 करोड़ रुपये की नई विशेष पुनर्वित्त सुविधा स्वीकृत की गई। सरकार के अनुसार, इस विशेष सुविधा का लाभ तीन करोड़ किसानों को होगा जिनमें ज्यादातर छोटे और सीमांत किसान शामिल हैं। मंत्रालय ने बताया कि इस विशेष सुविधा के तहत 30,000 करोड़ रुपये में से 24,876.87 करोड़ रुपये 06 जुलाई 2020 तक वितरित किए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में कोरोना महामारी से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए 12 मई, 2020 को 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की थी, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 10 फीसदी के बराबर है।

सीतारमण ने 13 मई से 17 मई 2020 तक लगातार प्रेस कांफ्रेंस के जरिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किए प्रावधानों की जानकारी दी थी।

–आईएएनएस

About Author