नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायाधीश एस.पी गर्ग ने अभियोजन पक्ष के साथ-साथ बचाव पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
कार्ति चिदंबरम के वकील ने अदालत के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल ने जांच के दौरान पूरा सहयोग किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यह कहते हुए कार्ति को जमानत देने का विरोध किया कि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और मामले के गवाहों को प्रभावित किया। हालांकि, एजेंसी ने गवाहों के नाम नहीं बताए।
सीबीआई ने कहा कि कार्ति को जमानत दी गई तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
विशेष अदालत ने सोमवार को कार्ति चिदंबरम को 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा था।
–आईएएनएस
और भी हैं
इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कमाया 6,806 करोड़ रुपये का मुनाफा
मप्र की शहडोल रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में आए 32 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव
देश में इनोवेशन बढ़ाने के लिए हो एक लाख करोड़ के एएनआरएफ फंड का इस्तेमाल : पीयूष गोयल