डॉ. वेदप्रताप वैदिक
‘काले धन’ को निकलवाने के लिए सरकार ने बेहद साहसिक कदम उठाया है लेकिन इसके खतरे भी जबर्दस्त हैं। पहला खतरा तो यही है कि बड़े नोट बदलवाने में देश के लगभग 120 करोड़ लोग भयंकर परेशानी में पड़ गए हैं। बैंकों और एटीएम मशीनों पर लगनेवाली कतारों ने लोगों का दम फुला दिया है।
नए नोटों की कमी के कारण कई लोगों की जानें चली गई हैं, कई लोग भूखे मर रहे हैं, कईयों की शादियां मातम में बदल गई हैं, कई दुकानें बंद हो गई हैं, लाखों गांवों में कोई बैंक नहीं है और जिन लोगों के पास खून-पसीने की कमाई बड़े नोटों में पड़ी है, उनकी नींद हराम है, उन्हें दिल के दौरे पड़ रहे हैं। इसके अलावा कई बड़े नेता कह रहे हैं कि अपने राज्यों में वे पुराने नोट ही चलवाएंगे ताकि गरीब, ग्रामीण और मेहनतकश लोगों का संकट दूर हो।
बिहार और मप्र की कुछ गांवों में भूखे ग्रामीण मजदूरों ने अनाज की दुकानें लूट ली हैं। सरकार ने पहले दावा किया था कि दो-तीन दिन में लोगों की दिक्कतें दूर हो जाएंगी लेकिन अब वित्तमंत्री ने फरमा दिया है कि एटीएम मशीनों को ठीक से चलने में 15-20 दिन लगेंगे। मैं पूछता हूं कि जिन लाखों गांवों और हजारों कस्बों में ये मशीनें और बैंक नहीं हैं, उनके नागरिक क्या करेंगे? और वे लोग तो और ज्यादा परेशानी में पड़ जाएंगे, जिन्होंने कभी बैंक का मुंह ही नहीं देखा।
यह परेशानी इस सरकार को कहीं ले ही न बैठे? बुनियादी सवाल है कि देश के लगभग 120 करोड़ लोगों को इस ‘काला धन’ निकालो योजना से क्या फायदा होनेवाला है? क्या उनकी आय बढ़ जाएगी? क्या उनका 500 का नोट 1000 में चलेगा? नहीं! उनके हाथ सिर्फ परेशानी आ रही है। वे देशभक्त हैं। वे सरकार का साथ दे रहे हैं। उन्हें देना भी चाहिए। वे ही लोग कतार में लगकर वोट देने जाते हैं। जिनके पास ‘काले धन’ के अंबार लगे हुए हैं, वे वोटिंग की कतार में नहीं लगते हैं।
नेताओं, आतंकवादियों, तस्करों के अलावा ‘काले धनिकों’ ने अपना पैसा कई धंधों में लगा रखा है। उन्हें पकड़ने की तजवीज सरकार के पास दिखाई नहीं पड़ रही है। जिन आम लोगों के वोटों से यह सरकार बनी है, कहीं उनका गुस्सा हद से पार न हो जाए। सारी विरोधी पार्टियां इस मुद्दे पर एकजुट हो रही हैं। इसका कारण सरकार की लापरवाही है। यदि वह बड़े नोट बदलने का बेहतर इंतजाम करती तो उसके खिलाफ इतना असंतोष नहीं भड़कता।
और भी हैं
मध्य प्रदेश के धार्मिक स्थलों में शराबबंदी की ओर बढ़ रही सरकार : मोहन यादवमध्य प्रदेश के धार्मिक स्थलों में शराबबंदी की ओर बढ़ रही सरकार : मोहन यादव : मोहन यादव
महाकुंभ 2025 : पूरे मंत्रिमंडल के साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे सीएम योगी
महाकुंभ में छाए रबड़ी वाले बाबा, श्रद्धालुओं को फ्री में देते हैं प्रसाद