नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ ‘गलत व्यवहार’ कर रही है और इसका हल तभी निकाला जा सकता है जब सरकार किसानों की मांगों को सुनने के लिए तैयार हो। उन्होंने यह भी कहा कि इस सरकार के खिलाफ किसी भी असंतोष को आतंक के रूप में देखा जाने लगा है।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर के ज्ञापन के साथ कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति भवन कूच कर रहे कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल थीं।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद को राष्ट्रपति रामानाथ कोविंद से मिलने की अनुमति दी। इनलोगों के पास पहले से ही राष्ट्रपति से मिलने का अप्वाइंटमेंट था।
इससे पहले दिन में, राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करने के लिए पार्टी मुख्यालय पहुंचे।
पार्टी मुख्यालय में दोनों नेताओं के साथ कई वरिष्ठ नेता भी इकट्ठा हो गए।
जब उन्होंने राष्ट्रपति भवन की ओर अपना मार्च शुरू किया, तो दिल्ली पुलिस ने प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई कांग्रेस नेताओं को धारा 144 का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में ले लिया।
दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए, प्रियंका ने कहा, “किसानों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। हम किसानों को समर्थन देने के लिए इस मार्च का आयोजन कर रहे हैं। इस सरकार के खिलाफ किसी भी असंतोष को आतंक के तत्वों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
उन्होंने कहा, “सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसानों और लोगों की बात सुने।”
यह पूछे जाने पर कि सरकार कैसे इस समस्या का हल निकाल सकती है, पर उन्होंने कहा, “समाधान केवल तभी पाया जा सकता है जब सरकार किसानों की मांगों को सुनने के लिए तैयार हो।”
पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले 29 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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