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खर्राटों से हैं परेशान, तो इन तरीकों से पायें निजात

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खर्राटों का कारण होता है खुले मुंह से सांस लेना और जीभ एवं टॉन्सिल के पीछे की सॉफ्ट पैलेट में कंपन होना। इस वजह से खर्राटे की आवाज पैदा होती है। खर्राटे से केवल आवाज ही पैदा नहीं होती बल्कि यह एक स्वास्थ्य समस्या है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस बारे में जानकारी देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है, “स्लीप एप्निया के साथ या बिना खर्राटे लेना एक गंभीर स्वास्थय समस्या है और इसे केवल शोर से होने वाली परेशानी समझ कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, इसे एक असली स्वास्थ्य समस्या मानना चाहिए।”

 

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उन्होंने कहा, “खर्राटे विचलित नींद का संकेत होते हैं, जो अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसके कुछ कारण बहुत हल्के होते हैं, जिन्हें सोने की करवट या शराब के सेवन की आदत में बदलाव कर बदला जा सकता है।”

 

डॉ अग्रवाल बताते हैं, “ऑब्स्ट्रक्टिव एप्निया का इलाज न हो तो हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है, जिससे दिल का आकार बड़ा हो जाता है। दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्लीप एप्निया से पीड़ितों को कार्डियक अरहायथमायस, ज्यादातर आर्टियल फिब्रिलेशन होने का खतरा अत्यधिक रहता है।”

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उन्होंने कहा, “इसमें जीवनशैली की आदतें अहम भूमिका निभाती हैं, जिन्हें कारगर तरीके से सुधारा जा सकता है। शराब का सेवन, धूम्रपान और कुछ दवाएं गले की मांसपेशियों को आराम देते हैं, जिससे गले का मांस ढीला हो कर सांस का प्रवाह रोक देता है। धूम्रपान से नाक के मार्ग और गले की मांसपेशियों में जलन भी होती है, जिससे सूजन आ जाती है, जो सांस लेने मे बाधा बनती है।”

 

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कुछ कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

-टॉन्सिल या एडेनॉयडस का बड़ा होना

-नाक के साईनस में जमाव

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-नाक की झिल्ली का टेढ़ा होना

-नेजल पालिप्कस

-पीठ के बल सोना, जिससे जबान पीछे गिर कर सांस नली को बाधित कर देती है।

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-उम्र बढ़ने के साथ गले की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं। शराब या ट्रांकुलायजर, दर्दनिवारक या सेडेटिव्स जैसी दवाएं, दिमाग में तनाव पैदा करती हैं और मांसपेशियों को कमजोर कर देती हैं।

 

मेडिकली खर्राटे लेने वालों को यह समस्याएं हो सकती हैं-

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-दिल का दौरा

-अचानक मौत

-अरहाईथमायस

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कुछ सुझाव-

-खर्राटों के कारणों का पता लगाएं। उनके इलाज के लिए उचित कदम उठाएं।

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-एक करवट पर सोने से जीभ सांस को बंद नहीं करती, जिससे खर्राटे रोकने में मदद मिलती है, इसके लिए नाईट सूट से एक बाल सिल दी जाती है ताकि वह एक करवट पर सो सके।

-खर्राटों से बचने के लिए विशेष तकिया बनाया जा सकता है, जिसका गर्दन वाला हिस्सा सिर वाले हिस्से की तुलना में उभरा हुआ होता है, जिससे गर्दन को सहारा मिलता है और खर्राटे रुकते हैं।

-अगर आपका वजन ज्यादा है तो उसको कम करें, खास तौर पर पेट का वजन।

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-धूम्रपान छोड़ें इससे नाक की झिल्ली और गले में जलन होती है।

-अगर आप नकली दांत लगाते हैं तो सोते समय उन्हें उतार दें।

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