हरियाणा राज्य महिला आयोग एवं भागीदारी जन सहयोग समिति के संयक्त तत्वावधान में एनआरआई विवाह से सम्बंधित मामले : नॉन रेजिडेंट इंडियन वीमेन के खिलाफ हिंसा रोकथाम एवं घरेलू हिंसा रोकथाम विषयों पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया l वेबिनार में दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की प्रमुख भागीदारी रही l हरियाणा महिला आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज दलाल ने उद्घाटन सत्र में आयोजन समिति की ओर से स्वागत भाषण दिया l प्रीति भारद्वाज ने आयोग के द्वारा जुटाए गए रचनात्मक प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि आयोग महिलाओं पर हिंसा रोकथाम को कम एवं शून्य तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है वे स्वयं गांव गांव जाकर उन्हें अधिकारों के प्रति जागरूक कर रही है और अधिक लोगों तक पहुंचने में आयोग का दुर्गा शक्ति एप बहुत कारगर साबित हुआ है l
उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि घरेलू हिंसा का समाज पर बहुत दूरगामी परिणाम होता है l इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है कि घरेलू हिंसा क्या होती है। माननीय न्यायमूर्ति ने अधिनियम के प्रमुख पहलुओं को समझाया और एक ऐसी घटना को याद किया जब वह एक वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रही थी l उन्होंने बताया कि एक महिला उनके पास केस लेकर आयी l महिला ने बताया कि एक व्यक्ति ने धोखा देकर उससे मंदिर में शादी क़ी जो पिछली शादी से पहली पत्नी के साथ रह रहा था। ऐसे मामले ना हो इसके लिए न्यायमूति बनर्जी ने जागरूकता की पहल की आवश्यकता पर जोर दिया l उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत राहत न केवल अपने साथी के साथ रहने वाली महिला को मिलती है, बल्कि किसी भी महिला को भी मिलती है जो अपने पिता या भाई के साथ साझा घर में रहती है l उन्होंने जागरूकता फैलाने के लिए आयोजकों क़ी प्रशंशा भी की l अति० जिला एवं सत्र न्यायाधीश कंवल जीत अरोडा सदस्य सचिव दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने पूरे देश में विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा महिलाओं को निशुल्क कानूनी प्रावधान का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी भी देश की उन्नति का मूल्यांकन वहां के कानून , कानून का क्रियान्वन एवं महिलाओं को प्राप्त अधिकार एवं उनकी सुरक्षा को दृष्टिगत रख कर ही किया जा सकता है उन्होंने बताया कि दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के ऐप्प के माध्यम से कोई भी नागरिक प्राधिकरण के कानूनी सहायता के प्रावधान की जानकारी प्राप्त कर कर सकता है l
ऐश्वर्या भाटी अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने घरेलू हिंसा से सम्बंधित प्रावधानों के बारे में विस्तृत रूप में प्रकाश डाला l उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिनियम में पर्याप्त प्रावधान है जिसमे न केवल शारीरिक अपितु मानसिक एवं आर्थिक सुरक्षा का भी ध्यान रक्खा गया है l विजय गौड़ महासचिव भागीदारी जन सहयोग समिति ने कहा कि कानून आज आवश्यकता है l महिलाओं को कानूनी साक्षर बनाने क़ी जिसमें राज्य महिला आयोग एवं राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण अहम भूमिका निभा रहे है विजय गौड़ ने बताया कि राष्ट्रीय वेबिनार में पार्टनर के रूप देश की 9 शैक्षिक एवं स्वेच्छासेवी संस्थाएं है l एनएसएस जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी हरियाणा, एनएसएस गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली ,विधि संकाय स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय उ.प्र, एनएसएस डीएवी यूनिवर्सिटी पंजाब, एनएसएस के.आर.मंगलम विश्वविद्यालय हरियाणा, विधि विभाग पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़, एनएसएस जीवाजी विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश, आईक्यूएसी-जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय , सुधार (एनजीओ) ने उल्लेखनीय योगदान दिया वेबिनार में दिल्ली, हरियाणा, बिहार ,उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,पंजाब , अरुणाचल प्रदेश , राजस्थान , असम ,उत्तराखंड ,छत्तीसगढ़ ,तेलंगाना,उड़ीसा , वेस्ट बंगाल , मणिपुर , महाराष्ट्र ,चंडीगढ़ , असम , हिमाचल प्रदेश , कर्नाटक ,जम्मू एंड कश्मीर , राजस्थान , गुजरात , कर्नाटक , नागालैंड, ,झारखण्ड सहित 26 राज्यों से लोग जुड़कर कानूनी जानकारी से लाभान्वित हुए l
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