नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड प्रकरण में कांग्रेस नेतृत्व को जारी समन के खिलाफ सत्याग्रह मार्च में छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल भी सड़क पर उतर गए हैं, उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए ईडी की कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताया।
बघेल ने आईएएनएस के एक सवाल के जवाब में कहा कि, केंद्र की भाजपा सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कांग्रेस की राष्ट्रीय नेतृत्व को परेशान कर रही है। उनके ऊपर झूठे केस लगाकर फंसाया जा रहा है। कितनी भी दिल्ली पुलिस बैरिकेटिंग कर ले, कितना भी प्रयास कर ले, लेकिन सत्य को जीत होगी।
कानून का राज कहां है? यहां तो तानाशाही हो रही है। केंद्र सरकार ईडी, आईबी, सीबीआई का दुरुपयोग कर विपक्षियों के आवाज को दबाना चाहती है। जिसका कांग्रेस विरोध करती है।
इस दौरान बघेल भी पैदल मार्च करते हुए ईडी दफतर पहुंचे तो उन्होंने मीडिया के सामने अपनी बात रखी। बघेल ने कहा कि संकट में फंसे नेशनल हेराल्ड को उबारने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अलग-अलग समय में 90 करोड़ का ऋण दिया था। किसी भी राजनीतिक दल द्वारा ऋण देना भारत में किसी भी कानून के तहत एक आपराधिक कृत्य नहीं है। फिर, कांग्रेस पार्टी की तरफ से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को कुल 90 करोड़ रुपये का ऋण देना कैसे एक आपराधिक कृत्य माना जा सकता है?
इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है। एक शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। 2015 में केस बंद भी कर दिया गया था। क्लोजर रिपोर्ट को साल 2018-19 में री-ओपन किया गया और अब समन जारी किया जा रहा है।
बघेल ने आगे कहा कि, सेंट्रल एजेंसीज के माध्यम से विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है। हम दबने वाले नहीं हैं। सोनिया गांधी जब ईडी के सामने पेश होंगी तब इससे बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
दरअसल राहुल गांधी सुबह ईडी दफ्तर पहुंचे थे और लंच ब्रेक के बाद राहुल गांधी फिर सवालों का सामना करने के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे, उन्हें कुछ देर का लंच ब्रेक दिया गया था जिस समय में उन्होंने सोनिया गांधी से अस्पताल में मुलाकात की। वह अब फिर दफ्तर पहुंचे हुए हैं।
राहुल के ईडी के समन को लेकर राजधानी दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर के बहार भारी पुलिस तैनात किया गया है, पुलिस ने तमाम कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया और उन्हें बसों में बिठा थाने लेकर पहुंची हुई है।
–आईएएनएस
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