मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त ‘द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड बॉय’ नामक किताब के लेखक और प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि जीवनी के लिए उन्होंने किसी को भी अधिकृत नहीं किया था। इसके जवाब में प्रकाशक ने फैसला किया है कि किताब की कोई भी सामग्री मीडिया में जारी नहीं की जाएगी। अभिनेता ने यह भी कहा कि जल्दी ही उनकी प्रामाणिक आत्मकथा आएगी।
संजय ने सोशल मीडिया के जरिए यासर उस्मान द्वारा लिखी और जगनॉर्ट द्वारा प्रकाशित किताब के बारे में एक बयान जारी किया है।
अभिनेता ने लिखा है, “मैंने न तो जगनॉर्ट प्रकाशन और न यासर उस्मान को मेरी जीवनी लिखने/प्रकाशित करने के लिए अधिकृत किया था। हमारे वकीलों ने उन्हें एक कानूनी नोटिस भेजा है, जिसके जवाब में जगनॉर्ट पब्लिकेशन्स ने कहा है कि प्रस्तावित पुस्तक की सामग्री प्रमाणिक सूत्रों से सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित है।”
उन्होंने कहा, “हालांकि, समाचार पत्रों में मेरे बारे में छपने वाले अंश आंशिक रूप से मेरे पुराने साक्षात्कारों पर आधारित होते हैं, बाकी सब सुनी-सुनाई बातें होती हैं। 1990 के दशक के समाचार पत्र और गॉसिप पत्रिकाओं में छपी ज्यादातर खबरें बस कल्पना हैं और सच नहीं हैं। अगली कार्रवाई के लिए मैं अपनी कानूनी टीम के साथ परामर्श कर रहा हूं।”
साथ में किए एक अन्य पोस्ट में संजय ने कहा, “मैं आशा करता हूं कि बेहतर समझ बढ़ेगी और आगे से कोई ऐसे अंश नहीं छापेगा, जिससे मेरी या मेरे परिवार की भावनाएं आहत हों।”
जगनॉर्ट ने अपने बयान में कहा है कि किताब को लेकर संजय के परेशान होने के बारे में जानकर टीम दुखी है। हालांकि अपने बचाव में कहा कि किताब कड़ी मेहनत से तैयार की गई है और किताब में जिन सूत्रों पर भरोसा किया गया है, उनके बारे में स्पष्ट रूप से जिक्र किया गया है।
बयान में कहा गया है, “श्रीमान दत्त की इच्छा का सम्मान करते हुए, हम आगे अब किताब की कोई सामग्री मीडिया में जारी नहीं करेंगे।”
संजय ने अपने प्रशंसकों को जल्दी ही अपनी आत्मकथा आने की खुशखबरी दी है।
संजय ने कहा, “मेरी आधिकारिक आत्मकथा जल्द ही आएगी, जो प्रमाणिक और तथ्यों पर आधारित होगी।”
‘द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड बॉय’ में संजय के जीवन की शुरुआत से लेकर उनकी आगे की जिंदगी के बारे में लिखा गया है कि कैसे उनके माता-पिता नरगिस और सुनील दत्त मिले, कैसे दोनों शादी के बंधन में बंधे, संजय ने बोर्डिग स्कूल के जीवन का कैसे सामना किया, उनकी मां का निधन, पिता और बहनों के साथ उनका संबंध, नशे की लत जैसी बातों का जिक्र किया गया है।
किताब के कई हिस्सों में उनके प्रेम संबंधों, ब्रेकअप, अंडरवर्ल्ड के साथ उनकी बातचीत, 1993 मुंबई श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में नाम आना, सुधरे इंसान के रूप में मौजूदा छवि और उनकी बेहद सराही गई फिल्म ‘मुन्नाभाई एम.बी.बी.एस.’ में उनके किरदार पर भी प्रकाश डाला गया है।
–आईएएनएस
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