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डूटा व शिक्षक संगठनों ने विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल को हटाने के लिए ऑन लाइन एक दिवसीय हड़ताल की

नई दिल्ली :दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) के आह्वान पर विवेकानंद कॉलेज के 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति और प्रिंसिपल को उसके पद से तुरंत हटाए जाने की मांग को लेकर तमाम शिक्षक संगठनों ने बृहस्पतिवार को घरों में रहकर सुबह 10 बजे से ऑन लाइन हड़ताल शुरू करके अपना विरोध प्रकट किया । शिक्षकों ने ऑन लाइन क्लासेज नहीं ली। ऑन लाइन हड़ताल का असर उत्तरी परिसर व दक्षिणी परिसर में ज्यादा देखने को मिला जहाँ शिक्षकों ने क्लासेज ना लेकर शिक्षक हड़ताल को पूरी तरह से सफल बनाया। शिक्षकों ने सुबह से ही विवेकानंद कॉलेज के 12 एडहॉक शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर हड़ताल संबंधी अपने छायाचित्र डालने शुरू कर दिए । हड़ताल का नेतृत्व डूटा अध्यक्ष राजीब रे के अलावा डीटीए प्रभारी डॉ. हंसराज ‘सुमन’ ,पूर्व डूटा अध्यक्ष डॉ. आदित्य मिश्रा ,डॉ. नरेंद्र पाण्डेय , विद्वत परिषद सदस्य श्री सुनील कुमार ने भी हड़ताल में भाग लिया।

डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में यह दूसरा अवसर है जब एडहॉक टीचर्स ने अपनी एकता का परिचय देते हुए आज अपनी ऑन लाइन क्लासेज नहीं ली। जिस तरह से 4 दिसंबर 2019 को वाइस चांसलर ऑफिस पर हजारों शिक्षक एकत्रित हुए थे उसी प्रकार से उन्होंने बृहस्पतिवार को डूटा के एक दिवसीय ऑन लाइन हड़ताल को पूरी तरह से सफल बनाया है। एडहॉक टीचर्स ने जिस तरह से एकजुटता दर्शायी है उससे लगता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल के प्रति कोई कठोर कदम अवश्य उठाएगा ।

आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के प्रभारी डॉ. हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा कोरोना काल में 30 अप्रैल को विभिन्न विभागों में कार्यरत्त 12 एडहॉक टीचर्स की सर्विस टर्मिनेट कर दी । 29 अप्रैल तक इन एडहॉक टीचर्स का कार्यकाल था ,30 अप्रैल को इन्हें पुनर्नियुक्ति दी जानी थी जिसे प्रिंसिपल ने नहीं दी । उन्होंने बताया है कि 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर वे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में गए जहाँ आयोग ने इन शिक्षकों को हटाने संबंधी कारण पूछा था और एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया । कॉलेज प्रिंसिपल ने ओबीसी आरक्षण को नकारते हुए आयोग को ईडब्ल्यूएस आरक्षण से रोस्टर में हुए बदलाव व विभिन्न विभागों में वर्कलोड समाप्त होने की बात कही ।उनका कहना है कि प्रिंसिपल द्वारा दिया गया जवाब के उत्तर में संगठन ने आयोग को अपना रिज्वाइंडर जमा कर दिया है।

डॉ. सुमन ने बताया है 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति को लेकर कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन ने ऑन लाइन आपात बैठक बुलाई। गवर्निंग बॉडी की इस ऑन लाइन मीटिंग में प्रिंसिपल को छोड़कर सभी सदस्यों ने 12 एडहॉक टीचर्स को 30 अप्रैल से पुनर्नियुक्ति दिए जाने का समर्थन किया और कहा था कि जब तक कॉलेज में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती किसी भी एडहॉक टीचर्स को उसके पद से नहीं हटाया जाए लेकिन प्रिंसिपल ने उन्हें एक सप्ताह से ज्यादा हो गया आज तक उन 12 एडहॉक टीचर्स को रिज्वाईनिंग नहीं दी । डॉ. सुमन ने बताया है कि उन्होंने गवर्निंग बॉडी के सदस्यों से बात की तो उनका कहना है कि प्रिंसिपल ईडब्ल्यूएस रोस्टर में बदलाव का हवाला दे रही है और कुछ विभागों में शिक्षकों का वर्कलोड खत्म हो गया है ।

डॉ. सुमन का कहना है कि ईडब्ल्यूएस रोस्टर व वर्कलोड खत्म होने का बहाना बनाकर पिछले 28 दिनों से इन एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति ना करना है ।उनका कहना है कि कॉलेज प्रिंसिपल व गवर्निंग बॉडी के बीच इन 12 एडहॉक टीचर्स का मामला पेचीदा होता नजर आ रहा है ।उन्होंने कहा है कि एक ऑफिसीएटिंग प्रिंसिपल द्वारा गवर्निंग बॉडी के निर्णयों को ना मानना ,चेयरमैन को तुरंत अनुशासनात्मक कार्यवाही करनी चाहिए । डॉ. सुमन ने गवर्निंग बॉडी के निर्णय को प्रिंसिपल द्वारा ना मानने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल को तुरंत उसके पद से हटाने की मांग की है ।उन्होंने बताया है कि इन 12 एडहॉक टीचर्स में 5 एडहॉक टीचर्स को कोरोना ने पूरी तरह से अपनी चपेट में लिया हुआ है। कोरोना से पीड़ित टीचर्स की हालात बहुत ही खराब है। परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है ,वहीं दूसरी ओर उनकी सर्विस टर्मिनेट कर दी गई। ऐसे समय में जबकि परिवार को आर्थिक सहायता की बहुत जरूरत है।

उन्होंने बताया है कि पिछले चार सप्ताह से ये एडहॉक टीचर्स प्रिंसिपल /गवर्निंग बॉडी और डूटा से अपनी गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि ईडब्ल्यूएस रोस्टर के कारण पदों में बदलाव आया है साथ ही वर्कलोड भी खत्म हो गया। उन्होंने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज में लंबे समय से विभिन्न विभागों में जैसे —– कॉमर्स–02 ,इकनॉमिक्स–01 ,इंग्लिश–03 ,कम्प्यूटर साइंस–02 ,संस्कृत–01 ,फूड टेक्नोलॉजी–01 ,मैथमेटिक्स–01 ,इन्वायरमेंट साइंस–01 में एडहॉक टीचर्स के रूप में कार्यरत्त है । इनमें 3 एडहॉक टीचर्स अनुसूचित जाति और 4 अन्य पिछड़ा वर्ग के अलावा 5 सामान्य वर्गों के है । ये शिक्षक काफी समय से एडहॉक टीचर्स के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे लेकिन 29 अप्रैल के बाद उन्हें रिज्वाईनिंग कराना था मगर चार सप्ताह व्यतीत हो चुके हैं उन्हें आज तक रिज्वाइनिंग नहीं कराया ।इनकी रिज्वाईनिंग को लेकर ही डूटा ने अपना एक दिवसीय ऑन लाइन हड़ताल रखी है ।

डीटीए उपाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि 12 एडहॉक टीचर्स को तुरंत ज्वाइनिंग कराने के लिए कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन से बात की और उन्हें एक मांग पत्र/ ज्ञापन भेजा जिसमें विभिन्न विभागों में पढ़ा रहे एडहॉक टीचर्स को जल्द से जल्द ज्वाइनिंग कराने की मांग की गई थीं लेकिन उन्होंने भी अभी तक इन शिक्षकों को रिज्वाईनिंग कराने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया । उनका कहना है कि गवर्निंग बॉडी के एक सदस्य से बातचीत हुई है प्रिंसिपल को हटाने के लिए जल्द ही मीटिंग बुला रहे हैं।

डीटीए प्रभारी डॉ.हंसराज सुमन ने गवर्निंग बॉडी से यह भी मांग कि है कि 5 दिसंबर 2019 के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर को लागू करते हुए जब तक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती किसी भी एडहॉक टीचर्स को उनके पदों से नहीं हटाया जाए । डॉ. सुमन का कहना है कि कोरोना काल में ये टीचर्स कहां जाएंगे उनकी जल्द रिज्वाईनिंग हो ।उनका कहना है कि यदि रिज्वाईनिंग नहीं होती है तो डूटा की जीबीएम बुलाकर कोई बड़ा निर्णय ले सकती हैं।

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