नई दिल्ली| दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के आह्वान पर शिक्षक संगठनों ने बुधवार को ऑनलाइन हल्ला बोल के जरिए अपना विरोध प्रकट किया। डूटा ने विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल, विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली सरकार के खिलाफ यह हल्ला बोल ऑनलाइन प्रदर्शन किया। इस दौरान विवेकानंद कॉलेज के 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति और प्रिंसिपल को उनके पद से तुरंत हटाए जाने की मांग की गई।
शिक्षकों ने विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर ऑन लाइन नारेबाजी की। ऑनलाइन आए शिक्षकों ने नारे लगाए, ‘5 साल से ज्यादा प्रिंसिपल नहीं चलेगा’ ,’तानाशाही प्रिंसिपल को बाहर करो’ ,’12 एडहॉक टीचर्स के संबंध में गवनिर्ंग बॉडी का फैसला लागू करो’ ,’डीयू प्रशासन होश में आओ’ ,’प्रिंसिपल को तुरंत हटाओ’।
शिक्षकों ने बुधवार सुबह से ही विवेकानंद कॉलेज के 12 एडहॉक शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर हल्ला बोल संबंधी अपने कार्ड बोर्ड के साथ फोटो डालने शुरू कर दिए। इसके अलावा सोशल मीडिया में वट्सएप ग्रुप आदि पर प्रिंसिपल और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लिखा गया।
हल्ला बोल कार्यक्रम में डूटा अध्यक्ष राजीब रे, डीटीए प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन, विद्वत परिषद सदस्य डॉ. आशा रानी , विद्वत परिषद सदस्य सुनील कुमार डॉ. नरेंद्र पाण्डेय, डॉ. संगीता मित्तल पूर्व डूटा अध्यक्ष डॉ. आदित्य मिश्रा, विद्वत परिषद सदस्य डॉ. आलोक पांडेय डॉ. प्रेमचंद ने भी शामिल हुए।
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर आभा देव ने हल्ला बोल में शामिल होते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति के साथ साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी विवेकानंद एडहॉक शिक्षक मामले में न्याय देने की अपील की। उन्होंने कहा इस तरह शिक्षकों के रोजगार पर हमला करना आपराधिक कृत्य है शिक्षकों की बहाली तुरंत की जानी चाहिए। शिक्षण संस्थान इस तरह के मनमाने रवैए से अपने उद्देश्य हासिल नहीं कर सकते।
डॉ. हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा कोरोना महामारी के समय 30 अप्रैल को विभिन्न विभागों में कार्यरत्त 12 एडहॉक टीचर्स की सर्विस टर्मिनेट कर दी। प्रिंसिपल ने इन एडहॉक टीचर्स को 29 अप्रैल तक नियुक्ति पत्र दिया हुआ था 30 अप्रैल को इन्हें पुनर्नियुक्ति दी जानी थी जिसे प्रिंसिपल ने नहीं दी। उन्होंने बताया है कि दो सप्ताह पूर्व गवनिर्ंग बॉडी ने 12 एडहॉक शिक्षकों को पुनर्नियुक्ति करने संबंधी प्रस्ताव पारित कर चुकी है बावजूद इसके उन्हें आज तक ज्वाइन नहीं कराया गया।
उन्होंने बताया है कि 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर वे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में गए जहां आयोग ने प्रिंसिपल व विश्वविद्यालय प्रशासन से इन शिक्षकों को हटाने संबंधी कारण पूछा और एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया। कॉलेज प्रिंसिपल ने ओबीसी आरक्षण को नकारते हुए आयोग को ईडब्ल्यूएस आरक्षण से रोस्टर में हुए बदलाव व विभिन्न विभागों में वर्कलोड समाप्त होने की बात कही। उनका कहना है कि प्रिंसिपल द्वारा दिए गए जवाब के उत्तर में संगठन ने आयोग को अपना रिज्वाइंडर जमा कर दिया है।
–आईएएनएस
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