नई दिल्ली| दिल्ली सरकार के सभी विभागों में अब सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग होगा। दिल्ली सरकार का सपना दिल्ली को ‘इलेक्ट्रिक वाहन राजधानी’ बनाना है। इस दिशा में केजरीवाल सरकार ने गुरुवार को ऐतिहासिक कदम उठाया है। इसके तहत सभी विभागों में अब सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग होगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली अब भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का पहला ऐसा प्रदेश है, जहां सभी सरकारी विभागों को सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग का निर्देश दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उम्मीद जताई कि दिल्ली सरकार के इस कदम से प्रेरणा लेकर देश और दुनिया के अन्य शहरों में भी प्रदूषण से लड़ाई को प्राथमिक एजेंडा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों को काफी गंभीरता से लेना जरूरी है। अन्य मामलों की तरह इस मामले में भी दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। दिल्ली इलेक्ट्रिक वेहिकल पॉलिसी 2020 के अंतर्गत यह आदेश जारी किया गया है। इसके अनुसार दिल्ली सरकार के सभी विभागों, स्वायत्त संस्थाओं तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं में मौजूदा किराया आधारित पेट्रोल, डीजल, सीएनजी से चालित सभी वाहनों के बदले छह माह के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करना अनिवार्य है। ऐसे वाहनों की खरीद तथा किराया अथवा लीज पर लेने के संबंधी में विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं।
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के पॉलिसी डिविजन द्वारा आज जारी आदेश के अनुसार ऐसे इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद तथा किराया अथवा लीज पर लेने के लिए जेम पोर्टल अथवा भारत सरकार के उर्जा विभाग के अंतर्गत पीएसयू ईईएसएल का उपयोग किया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को विभागों की सुविधानुसार ड्राई लीज अथवा वेट लीज पर लेने का प्रावधान रखा गया है।
प्रथम बार ऐसे वाहन लेने से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। मौजूदा अनुबंध के विस्तार हेतु ऐसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त वर्तमान आइसी इंजन वाहनों के बदले उतनी संख्या में नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों, स्वायत्त संस्थाओं तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं को इस दिशा में उठाए गए कदमों के संबंध में हर महीने पांच तारीख तक परिवहन विभाग को पूरी सूचना भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली के नागरिकों ने पर्यावरण से लड़ाई में हरदम अग्रणी भूमिका निभाई है तथा यह कदम एक बार फिर इस संकल्प को मजबूत करेगा। गौरतलब है कि दिल्ली में अगस्त 2020 से अबतक लगभग 6000 ई-वाहनों की बिक्री हो चुकी है।
–आईएएनएस
और भी हैं
प्रधानमंत्री मोदी के “विकसित भारत@2047” विज़न से प्रेरित होकर NDMC ने नागरिक-कल्याण और बुनियादी ढांचे से जुड़ी अहम परियोजनाओं को पारित किया: कुलजीत सिंह चहल
दिल्ली में 66 अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार, घनी आबादी वाले इलाकों में ले रहे थे पनाह
सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने अधिकारियों के साथ किया व्यापक निरीक्षण दौरा, चांदनी चौक को पुनः भारत का प्रमुख व्यापारिक केंद्र बनाने के लिए की पहल