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New Delhi: Smog reduces visibility in New Delhi a day after Diwali on Oct 20, 2017. (Photo: IANS)

दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’

 

नई दिल्ली: दिवाली की अगली सुबह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कई हिस्सों में धुएं की मोटी चादर दिखाई दी। हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल दिवाली की रात पटाखों का शोर थोड़ा कम रहा।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद कुछ लोगों ने पटाखों और आतिशबाजी से हवा को जहरीली बना दिया। दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण निगरानी केंद्रों के ऑनलाइन संकेतकों ने दिखाया कि दिवाली की रात पीएम 2.5 और पीएम 10 के सूक्ष्म कणों की मात्रा में 7 बजे के बाद तेज से वृद्धि देखी गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 15 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर दिल्ली और इससे सटे गुरुग्राम व नोएडा में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक ‘बहुत खराब’ यानी 339 से 390 के बीच दर्ज किया गया। 300 और 400 के बीच का सूचकांक ‘बहुत खराब’ माना जाता है। ऐसी खराब हवा बाद में सांस संबंधी बीमारी का कारण बन सकता है।

दिल्ली के कम से कम तीन स्थानों पर प्रदूषण गंभीर स्तर (401-500) से ऊपर मापा गया। गंभीर स्तर का मतलब है कि यह वायु प्रदूषण स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित कर सकता है और बीमार लोगों पर गंभीर असर डाल सकता है।

हवा की गुणवत्ता हालांकि पिछली दिवाली की तुलना में थोड़ी बेहतर रही। उस समय दिल्ली और एनसीआर में हवा का गुणवत्ता सूचकांक 445 मापा गया था। वर्ष 2015 में यह 360 था।

त्योहार के उत्साह में लोग सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध को नजरअंदाज कर दिए। लोगों को अधिक रोशनी, रॉकेट और तेज आवाज वाले बम जैसे पटाखे जलाते देखा गया। आतिशबाजी भी पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम की गई।

दिल्ली और एनसीआर के बाजारों में कहीं पटाखे बिकते नहीं देखे गए। कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने पटाखे एनसीआर से बाहर जाकर खरीदे। कुछ ने कहा उन्होंने ऑनलाइन पटाखे खरीदे, जबकि कुछ का कहना था कि उनके पास पिछली दिवाली के पटाखे बचे हुए थे, उसी से काम काम चला लिया।

–आईएएनएस

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