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नितिन गडकरी कैसे बने 'रोडकरी'

नितिन गडकरी कैसे बने ‘रोडकरी’?

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नवनीत मिश्र

नई दिल्ली| बात 1995 की है जब 38 साल की उम्र में नितिन गडकरी महाराष्ट्र की शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में लोकनिर्माण मंत्री बनाए गए थे। महज चार साल के कार्यकाल में उन्होंने झंडे गाड़ दिए। महाराष्ट्र में सड़कों और फ्लाई ओवर का जाल बिछा दिया। दो साल के रिकॉर्ड समय में ही उन्होंने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा कर सबको चौंका दिया था।

रिमोट एरिया के 13756 उन गांवों को ऑल वेदर रोड से लिंक कर दिया, जहां आजादी के बाद से सड़कें नहीं थीं। सिर्फ मुंबई में ही उन्होंने 55 फ्लाईओवर बनवाए। सड़कों को लेकर नितिन गडकरी के इस जुनून को देखकर शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे भी दंग रह गए थे। बाला साहेब ठाकरे ने तब गडकरी को ‘रोडकरी’ नाम दे दिया था। धड़ाधड़ फ्लाईओवर बनाने के कारण महाराष्ट्र में उन्हें फ्लाईओवर मिनिस्टर भी कहा जाने लगा था।

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महाराष्ट्र के नागपुर में 1957 में जन्मे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आज 63 साल के हो गए। देश में सड़क आदि आधारभूत संसाधनों के क्षेत्र में किए गए कार्यो के कारण नितिन गडकरी को इंफ्रास्ट्रक्च र मैन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। आज उनके नेतृत्व में देश की सबसे बड़ी भारत माला सड़क परियोजना का संचालन हो रहा है। 10 लाख करोड़ की लागत से 51,000 किलोमीटर सड़कों का जाल बिछाने की दिशा में काम चल रहा है। इस परियोजना का पहला चरण 2022 तक पूरा होने की बात कही जा रही है।

नितिन गडकरी के साथ काम कर चुके भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल आईएएनएस से कहते हैं, ” एक बार मैं उनके साथ जर्मनी गया था। तब बायो फ्यूल से जुड़ी एक कंपनी में वह पहुंचे थे। दो से तीन दिन तक वह कंपनी में जा-जाकर एक-एक जानकारी जुटा रहे थे। मैं उनकी इस स्टाइल का कायल हो गया।”

गोपाल कृष्ण अग्रवाल कहते हैं कि नितिन गडकरी जब कोई बड़ा काम हाथ में लेते हैं तो फिर उसे धरातल पर उतारने के लिए दिन-रात एक कर देते हैं। वह ऐसे मंत्री हैं, जो किसी प्रोजेक्ट के लिए कभी धन की कमी की बात नहीं कहते। किसी काम के लिए पैसा कहां से आएगा, इसका प्रबंधन करने में माहिर हैं। जब महाराष्ट्र में लोकल बॉडीज के पास पैसे की दिक्कत थी तो उन्होंने देश में पहली बार म्यूनिसिपल बांड निकाला था। वह लीक से हटकर काम करने वाले नेता हैं। नितिन गडकरी ऐसे नेता हैं जो समाजसेवा को राजनीति का आधारस्तंभ मानते हैं।

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जब मोदी ने पूछा था- कौन सा मंत्रालय चाहिए?

2018 में एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि केंद्र में सरकार बनने के बाद उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछा था कि आपको कौन सा मंत्रालय चाहिए? इस पर उन्होंने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी मांगी। जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मंत्रालय तो शीर्ष चार-पांच मंत्रालयों में नहीं आता है। जिस पर नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में सड़कों को बनाने का अनुभव है। यह काम उन्हें पसंद है।

नागपुर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे नितिन गडकरी ने बिजनेस और राजनीति दोनों क्षेत्रों में बड़ा मुकाम हासिल किया। वह उद्योग क्षेत्र में पूर्ति ग्रुप का संचालन करते हैं। बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके नितिन गडकरी युवावस्था में आरएसएस से जुड़े। 24 साल की उम्र में ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के नागपुर के अध्यक्ष बने। फिर वह महाराष्ट्र विधानपरिषद के चुनाव में उतरे। वह 1990, 1996, 2002 और 2008 तक वह महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे। 2009 तक नितिन गडकरी महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष भी रहे और बाद में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली।

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2014 में गडकरी नागपुर से लोकसभा चुनाव जीते। मोदी सरकार में उन्हें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के साथ जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री की जिम्मेदारी मिली। वहीं 2019 में भी भाजपा सरकार बनने पर उन्हें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की पुरानी जिम्मेदारी मिली। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय की कमान भी नितिन गडकरी संभाल रहे हैं।

–आईएएनएस

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