नई दिल्ली। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता लालू प्रसाद यादव की मुलाकात खत्म हो गई है। मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस संगठन चुनाव खत्म होने के बाद नए अध्यक्ष के साथ एक बार फिर मुलाकात होगी और विपक्ष एकजुटता पर रणनीति तैयार करेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नें कहा, “हमारा विचार है की देश के अनेक दलों को एक होना है और देश के लिए काम करना चाहिए है। इसपर हम बातचीत कर रहे है। कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद चुनाव के बाद ही कुछ आगे कह सकेंगे। हमारी जिन क्षेत्रीय पार्टियों से बातचीत होती है हम उनको सलाह देते ही हैं कि सबको मिलकर चलना है लेकिन यह थोड़े दिनों बाद की बात है।”
इसके अलावा लालू प्रसाद यादव नें कहा, “हम लोग मिले हैं, भाजपा को हटाना है देश को बचाना है, और सबको एकजुट होना है जिस तरह भाजपा को बिहार से विदा किया है, उसका असर पूरे देश में हैं। सोनिया जी से हमने आग्रह किया है की आप सबसे बड़ी पार्टी हैं तो सबको मिलाने का काम करें और सबसे बात करें।”
“सोनिया जी ने आश्वासन दिया है कि संगठन चुनाव के बाद नए अध्यक्ष के साथ बातचीत करेंगे और इस पर रणनीति तैयार करेंगे। कांग्रेस लगातार भाजपा के खिलाफ लड़ती आई है और देश तानाशाही की ओर जा रहा है हर तरफ बेरोजगारी महंगाई है।”
हालांकी एक लंबे वक्त बाद यह मुलाकात हुई है। नीतीश कुमार और सोनिया गांधी के बीच 2015 में मुलाकात हुई थी। बिहार में महागठबंधन का पहला प्रयोग इसी समय से शुरू हुआ था। वहीं हाल ही में जब नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री दिल्ली आए तब राहुल गांधी से मुलाकात हुई थी।
उस दौरान उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एनसीपी नेता शरद पवार, सपा के अखिलेश यादव के अलावा ल़ेफ्ट पार्टी के नेताओं से मुलाकात की थी।
दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव दोनों का कहना है कि वे देश के सभी विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एक मंच पर लाने में जुटे हैं।
इसके अलावा 2024 में भाजपा को सत्ता से बाहर करने की कवायद में विपक्ष जुटने लगा है, हालंकी विपक्ष के महत्वपूर्ण नेता विपक्षी एकता को मजबूत दर्शाने की कोशिश में जुट गए हैं।
–आईएएनएस
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