नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए आम बजट से निराशा जताई है और कहा है कि दिल्ली को एक बार फिर उसका उचित हक नहीं दिया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आम बजट पेश कर दिया, जिसमें पहली बार रेलवे बजट भी समावेशित था।
बजट पेश होने के बाद सिसोदिया ने ट्वीट किया, “मेरी पहली प्रतिक्रिया तो यही है कि इस बार भी बजट के केंद्रीय करों में से दिल्ली को उसका उचित हिस्सा नहीं मिला। केंद्रीय बजट में लगातार 17वें वर्ष दिल्ली का बजट 325 करोड़ रुपये पर ही अटका हुआ है।”
सिसोदिया ने इसके अलावा राजनीतिक दलों को मिलने वाले समस्त चंदे के स्रोतों का उजागर न करने के लिए आलोचना भी की।
सिसोदिया ने सवालिया लहजे में कहा, “राजनीतिक दलों को 2,000 रुपये का नकद चंदा स्रोत का जिक्र किए बगैर स्वीकार करने की इजाजत क्यों दी गई? सब्जी बेचने वाले को तो आप 20 रुपये का भी लेनदेन करने के लिए नकदी का इस्तेमाल न करने के लिए कह रहे हैं और राजनीतिक दल 2,000 रुपये का चंदा नकदी में ले सकती हैं।”
जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में घोषणा की है कि राजनीतिक दलों को अब 2,000 रुपये से अधिक के सभी चंदों का स्रोत बताना होगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले, राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये तक के नकद चंदों के लिए स्रोत नहीं बताना होता था।
(आईएएनएस)
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