पटना – बिहार के उत्तरी हिस्से के 13 जिलों में बाढ़ का कहर अब भी जारी है। नदियों के जलस्तर में सोमवार को कमी आई है, जिससे कई क्षेत्रों से बाढ़ का पानी उतरा है। लेकिन कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। इस बीच, समस्तीपुर-दरभंगा रेल मार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने से इस रेलखंड पर दूसरे दिन सोमवार को भी रेलगाड़ियों का परिचालन ठप है। राज्य में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जल संसाधान विभाग के मुताबिक, कई क्षेत्रों में प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आई है, परंतु अभी भी नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया, “बागमती नदी कटौंझा, हायाघाट और बेनीबाद में खतरे के स्थान से ऊपर बह रही है। जबकि बूढ़ी गंडक रोसड़ा रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा कमला बलान झंझारपुर पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर है। अधवारा समूह की नदियां और खिरोई नदी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।”
इस बीच, पूर्व-मध्य रेलवे के हायाघाट रेलवे स्टेशन के नजदीक बागमती नदी पर बने रेल पुल पर बाढ़ के पानी के दबाव के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड पर दूसरे दिन भी रेलगाड़ियों का परिचालनप ठप है।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, “समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड के हायाघाट और थलवाड़ा स्टेशनों के बीच पुल संख्या 16 पर बाढ़ का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाने के कारण कल (रविवार) से इस रेलखंड पर रेलगाड़ियों का परिचालन रोक दिया गया है। जलस्तर यथावत रहने के कारण सोमवार को भी इस रेलखंड पर चलने वाली कई रेलगाड़ियों का परिचालन रोका गया है।”
उन्होंने कहा कि इस रेलखंड से गुजरने वाली 11 रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया, जबकि 11 रेलगाड़ियों के मार्ग में आंशिक परिवर्तन कर चलाया जा रहा है।
बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के 13 जिले -शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिम चंपारण- में बाढ़ का पानी बना हुआ है। इस बाढ़ से अब तक 127 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 85 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
इस बीच कई इलाकों में राहत शिविर बंद कर दिए जाने से लोग काफी परेशान हैं। बाढ़ प्रभावित दरभंगा के जिलाधिकारी त्यागराजन एस़ एम़ ने बताया कि कई क्षेत्रों से बाढ़ का पानी उतरा है, परंतु कई नए इलाकों में बाढ़ के पानी का फैलाव भी हुआ है। उन्होंने कहा कि जिले के 17 प्रखंडों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, तथा बाढ़ पीड़ितों के लिए 527 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं।
और भी हैं
संभल की घटना पर बोली कांग्रेस, ‘योगी राज में कोई सेफ नहीं’
एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत, एमवीए को झटका
मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी का उज्जैन में भूमि पूजन