भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को वर्ष 2018-19 का दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया। इस बजट को सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक बताया तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने बजट को निराशाजनक करार दिया।
बजट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह ऐतिहासिक बजट है, जो दो लाख करोड़ से ऊपर निकल गया। इस बजट में विशेष रूप से किसानों, सिंचाई, अधोसंरचना, बिजली पर विशेष जोर दिया गया है। कृषि, बिजली और सड़क का विकास में अहम हिस्सा होता है, बजट में इसका विशेष प्रावधान किया गया है। किसानों, गरीबों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान के साथ पढ़ाई, दवाई पर बजट में जोर दिया गया है।”
वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इस बजट को निराशाजनक करार दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार को सत्ता संभाले 14 वर्ष पूरे हो चुके हैं और सरकार इस चुनावी साल में हर घर को बिजली देने का वादा कर रही है। हर साल बजट में राशि का प्रावधान किया जाता है, मगर वह राशि खर्च ही नहीं होती। वर्तमान सरकार कृषि कर्मण अवॉर्ड की चर्चा कर अपनी पीठ थपथपाती है, मगर दूसरी ओर किसान आत्महत्या कर रहा है। भावांतर योजना का लाभ किसानों के साथ किसी और को भी नहीं हुआ है।
सरकार के सामान्य प्रशासन मंत्री लाल सिंह आर्य का दावा है कि यह बजट हर वर्ग के लिए है। इसमें कल्याणकारी योजनाओं का प्रावधान है। यह बजट विकास के लिए व जनकल्याणकारी बजट है। मंत्री संजय पाठक ने इसे जनता का बजट बताया।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि इस बजट से पता चलता है कि राज्य की आर्थिक व्यवस्था चौपट हो चुकी है। दो लाख करोड़ का बजट हैं और कर्ज तेजी से बढ़ रहा है। यह सरकार पूरी तरह सिर्फ घोषणाओं पर निर्भर है। यह उन पर अमल नहीं करती।
–आईएएनएस
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