दरभंगा: यहां से नई दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस गुरुवार सुबह विश्व प्रसिद्ध चित्रकला ‘मिथिला पेंटिंग’ से सज-संवरकर रवाना हुई। इस कला को ट्रेन की बोगियों की बाहरी दीवारों पर करीने से उकेरा गया है।
इस ट्रेन के नए लुक को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पहुंचे। ट्रेन को रवाना किए जाते समय दरभंगा रेलवे स्टेशन पर मौजूद समस्तीपुर रेल मंडल के क्षेत्रीय रेल प्रबंधक (डीआरएम) आऱ क़े जैन ने कहा कि मधुबनी और मिथिला पेंटिंग विश्वविख्यात है। इसे रेलवे ने अपनाया है।”
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में एक्सप्रेस की नौ बोगियों को मिथिला पेंटिंग से सुसज्जित करवाया गया है।
उन्होंने कहा, “बिहार संपर्क क्रांति को मॉडल के रूप में लिया गया। अभी नौ बोगियां मिथिला पेंटिंग से सजाई गई हैं। इसमें एक से डेढ़ माह का समय लगा है। शेष बोगियों का कार्य जल्द पूरा करने के बाद पूरे कोच को मिथिला पेंटिंग से सुसज्जित कर चलाया जाएगा।”
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे द्वारा मधुबनी सहित मिथिलांचल के कई रेलवे स्टेशनों को भी मधुबनी पेंटिंग से सजाया संवारा गया है और स्टेशन का नाम मिथिलाक्षर में लिखा गया है।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य सूचना जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इस एक्सप्रेस को हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर भी रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने जायजा लिया। उन्होंने कहा कि बिहार की इस प्रसिद्ध कला को अब देश की राजधानी तक लोग जान पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना की सफलता के बाद आगे की योजना बनाई जाएगी।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस पेंटिंग को बनाने में 45 स्थानीय कलाकारों की सहभागतिा रही है। एक बोगी में पेंटिंग उकेरने में करीब चार दिनों का समय लगा है।
रेलवे की इस पहल का मिथिलावासियों ने भी स्वागत किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस लंबी दूरी की ट्रेन से अब मिथिला पेंटिंग को गांव से लेकर राजधानी तक के आम से लेकर खास लोग जान सकेंगे। किसी क्षेत्रीय कला को स्थान देने वाली यह पहली ट्रेन बन गई है।
–आईएएनएस
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