शिएमेन (चीन)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक परिवर्तन में ब्रिक्स की अहम भूमिका के लिए मंगलवार को 10 सुझाव पेश किए, जिसमें आतंकवाद रोधी प्रयास भी शामिल हैं। मोदी ने नौंवे ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान ‘डॉयलॉग ऑफ एमर्जिग मार्किट्स एंड डेवलपिंग कंट्रीज’ में संबोधन के दौरान कहा कि भारत के विकास का आधार ‘सबका साथ, सबका विकास’ की धारणा में निहित है।
यह बताते हुए कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को अपने विकास कार्यक्रमों और योजनाओं में शामिल किया है। मोदी ने कहा, “हमारे कार्यक्रम समयबद्ध तरीके से इन प्राथमिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। एक उदाहण देते हुए बताता हूं कि बैंकिंग से वंचित क्षेत्रों के लोगों को बैंकिंग के दायरे में लाना, सभी को बायोमेट्रिक पहचान पत्र उपलब्ध कराना और नवाचार मोबाइल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर इन तीन आयामी दृष्टिकोण से पहली बार देश के 36 करोड़ लोगों को सीधा फायदा पहुंचा है।”
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के लिए वैश्विक बदलाव में भूमिका निभाना महत्वपूर्ण है और इसके लिए इन 10 प्रतिबद्धताओं का अनुसरण करना चाहिए।
मोदी ने कहा, “तीन मुद्दों पर संगठित और समन्वित रुप से काम कने से सुरक्षित विश्व का सृजन होगा। ये तीन मुद्दे आतंकवाद से निपटना, साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन है।”
मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाकर हरित दुनिया का निर्माण करने का आह्वान किया।
मोदी ने एक और सुझाव दिया कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए उचित प्रौद्योगिकियों को साझा कर बेहतर विश्व का निर्माण किया जाए।
मोदी ने डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली बनाने के अपने रुख को दोहराते हुए बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली सहित लोगों को मुख्यधारा से जोड़कर समावेशी विश्व का निर्माण करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “ब्रिक्स के अंदर और बाहर डिजिटल स्तर पर बनी दूरी को कम करने से डिजिटल विश्व का सृजन किया जाए। लाखों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर कौशल विश्व का सृजन किया जाए।”
मोदी ने बीमारियों को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में सहयोग और सभी के लिए किफायती स्वास्थ्य लाभ देने के लिए स्वस्थ विश्व के सृजन का भी आह्वान किया।
मोदी ने समान विश्व के सृजन के बारे में कहा कि ब्रिक्स देशों को सभी को समान अवसर उपलब्ध कराने चाहिए, विशेष रूप से लैंगिक समानता के संदर्भ में।
मोदी ने दुनिया को एक सूत्र में पिरोने के संदर्भ में लोगों के आवागमन एवं सामान और सेवाओं के आदान-प्रदान पर जोर दिया।
उन्होंने विचारधाराओं, प्रथाओं और विरासत को बढ़ावा देकर सामंजस्यपूर्ण विस्व के सृजन का आह्वान किया।
–आईएएनएस
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