नई दिल्ली: देश के 20 राज्यों में नवनिर्वाचित 61 में से कुल 45 राज्यसभा सदस्यों ने बुधवार को उच्च सदन पहुंचकर शपथ ली। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सभी को शपथ दिलाई। अनुपस्थित 16 सदस्य अब मानसून सत्र के दौरान शपथ लेंगे। यह पहली बार है कि जब दो संसद सत्रों के बीच में नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई गई।
अमूमन शपथ ग्रहण समारोह संसद सत्र के दौरान होता है। शपथ लेने वाले में एनसीपी नेता शरद पवार, भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस से दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी प्रमुख रहे। इस बार चुने गए 61 सदस्यों में से 43 सदस्य पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं।
कोरोना को देखते हुए सभी राज्यसभा सांसदों को सिर्फ एक सहयोगी ही साथ लाने की छूट मिली थी। नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति और सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, “देश के विधि निर्माता के रूप में आपका चुनाव हुआ है। अपने दायित्व के निर्वहन में आप सुनिश्चित करें कि सदन में आपका आचरण नियमों के अनुकूल हो, स्थापित मानदंडों के अनुरूप हो और सदन के बाहर आपका आचरण नैतिकता के मानदंडों के अनुसार हो।”
उन्होंने कहा, “यद्यपि राज्य सभा के सदस्य के रूप में आपका कार्यकाल विधि और न्याय मंत्रालय की अधिसूचना के साथ ही प्रारंभ हो गया है, तथापि आप शपथ लिए बिना इस सदन और इसकी समितियों की बैठकों में भाग नहीं ले सकते थे।”
सभापति ने कहा कि नियमित द्विवर्षीय चुनावों और उपचुनावों में 20 राज्यों से 61 स्थानों पर निर्वाचन हुआ था, जिनमें कुछ अनुभवी लेकिन काफी संख्या में पहली बार बने नए सदस्य निर्वाचित हुए।
–आईएएनएस
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