मुंबई: बॉलीवुड के किंग खान कहे जाने वाले शाहरुख खान हमेशा से वाक्पटुता के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उन्होंने जिस तरह गैंगस्टर्स की धमकियों से पीछा छुड़ाने में अपनी चतुराई का इस्तेमाल किया, उससे पता चलता है कि वह मुश्किल हालात में भी अपना संतुलन बनाए रखते हैं। फिल्म पत्रकार अनुपमा चोपड़ा ने अपनी किताब ‘किंग ऑफ बॉलीवुड : शाहरुख खान एंड द सेडक्टिव वर्ल्ड ऑफ इंडियन सिनेमा’ में ऐसे कई वाक्यों का जिक्र किया है, जब शाहरुख खान को गैंगस्टर की धमकियों का सामना करना पड़ा। शाहरुख खान ने गैंगस्टर्स से निपटने में हमेशा अंग्रेजी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।
शाहरुख खान का गैंगस्टर्स की दुनिया से पहला साबका महेश भट्ट की फिल्म ‘डुप्लीकेट’ के दौरान पड़ा। उससे पहले जनवरी 1997 में टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उसी महीने में महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी राकेश मारिया ने महेश भट्ट को कॉल करके बताया कि गैंगस्टर अबू सलेम ने शाहरुख खान की हत्या की जिम्मेदारी एक शार्प शूटर को दी है। अबू सालेम नाराज था कि उसके करीबी प्रोड्यूसर की फिल्म शाहरुख खान ने साइन नहीं की है।
मुंबई पुलिस ने शाहरुख खान को बॉडीगार्ड मोहन भिसे दिया। शाहरुख को कहा गया कि वह ज्यादा बाहर न जाएं और उन्हें हर दिन अपनी कार और रूट बदलने के लिए कहा गया।
शाहरुख खान ने कहा कि उन दिनों ऐसी हालत थी कि एक प्रसिद्ध क्रिकेटर की शादी में जब उनका एक प्रशंसक उनके ऑटोग्राफ लेने के लिए आया और उसने अपनी कलम निकाली तो उन्हें लगा कि वह हथियार निकाल रहा है और उन्हें अपनी पत्नी गौरी को पीछे धकेल दिया।
शाहरुख कहते हैं कि उन्हें पता नहीं क्यों लगता था कि उन्हें गोली नहीं लगेगी और उन्हें अपनी पत्नी और बच्चों की फिक्र रहती थी।
एक दिन जब शाहरुख ‘दिल तो पागल है’ की शूटिंग के बाद खंडाला से आ रहे थे तो उन्हें अबू सलेम का फोन आया। सलेम ने उन्हें हिंदी में गालियां दीं और शाहरुख पूरे समय शांत भाव से अंग्रेजी में बोलते रहे।
सलेम ने कहा कि वह शाहरुख से नाराज है, क्योंकि उन्होंने एक मुस्लिम प्रोड्यूसर के साथ फिल्म नहीं की। सलेम ने कहा कि शाहरुख को अपने धर्म के लोगों का समर्थन करना चाहिए।
शाहरुख ने तब कहा कि उन्होंने मंसूर खान, अब्बास मस्तान, अजीज मिर्जा के साथ काम किया है और महेश भट्ट की मां भी मुस्लिम ही थीं। शाहरुख कहते हैं कि उन्होंने अबू सलेम से कहा कि “जब मैं आपको यह नहीं कहता कि आप किसे शूट करें तो आप भी मुझे यह न कहें कि मैं कौन सी फिल्म करूं।” सलेम ने इसके बाद शाहरुख को धमकी नहीं दी।
अबू सलेम ने लेकिन कई बार शाहरुख को कॉल किया और हर बार यह जरूर कहा कि उसे पता है कि वह कहां हैं और उनकी सिक्योरिटी कहां है।
महेश भट्ट कहते हैं कि उस वक्त शाहरुख जिंदगी में कठोस वास्तविकता से गुजर रहे थे लेकिन पर्दे पर वह कॉमेडी का किरदार निभा रहे थे।
अबू सलेम के बाद छोटा राजन के गैंग ने भी शाहरुख को कॉल करना शुरू किया, लेकिन जल्द ही उनके कॉल आने बंद हो गए। इसके बाद गोंगा भाई नाम का छोटा गैंगस्टर भी शाहरुख के पीछे एक साल तक पड़ा रहा। वह चाहता है कि शाहरुख उसके जीवन पर आधारित फिल्म में उसका किरदार निभाएं, लेकिन यहां भी शाहरुख ने अंग्रेजी बोलकर उसे चुप कर दिया।
अनुपमा चोपड़ा के मुताबिक, इसके बाद शाहरुख को छोटा शकील ने कॉल किया। वह ‘दिल से’ फिल्म के छैंया छैंया गाने के बोल से खफा था। उसका कहना था कि इसके बोल इस्लाम के खिलाफ हैं, लेकिन अभिनेता ने उसे भी अपनी बातों में घुमा दिया।
चोपड़ा का कहना है कि शाहरुख का मुस्लिम होना, नम्र होना और प्रशंसकों की बड़ी संख्या का होना, उनके लिए अच्छा रहा। यहां तक कि गैंगस्टर के परिवार वाले भी शाहरुख के फैन थे। उनसे अबू सलेम ने कहा था कि उसकी मां और पत्नी शाहरुख के प्रशंसक हैं।
–आईएएनएस
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