हरियाणा राज्य महिला आयोग एवं भागीदारी जन सहयोग समिति के संयक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया l वेबिनार का विषय था एनआरआई विवाह से सम्बंधित मामले : नॉन रेजिडेंट इंडियन वीमेन के खिलाफ हिंसा रोकथाम l वेबिनार में दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की प्रमुख भागीदारी रही l इस अवसर पर अपने संक्षिप्त उद्घाटन भाषण में डॉ0.दिनेश कुमार कुलपति जे0सी 0बोस यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी हरियाणा एन आर आई विवाह के मुद्दों पर बोलते हुए कहा कि ऐसे विवाहों में जल्दबाजी में फैसला न ले l विवाह से पहले दूसरे परिवार एवं लड़के के बारे में पूरी जाँच पड़ताल करे क्योंकि बिना जाँच के शादी करने पर सपना छलावा बन कर रह जाता है l आज शैक्षणिक संस्थाओं क़ी भी नैतिक जिम्मेदारी है कि युवाओं को बताये कि वे जो फिल्मों में देखते है कि विदेश में जाकर जीवन सुखमय हो जाता है इसमें सारा सच नहीं है l
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रीति भारद्वाज दलाल कार्यवाहक अध्यक्ष हरियाणा राज्य महिला आयोग बताया कि आयोग किस प्रकार नॉन रेजिडेंट इंडियन वीमेन के खिलाफ हिंसा क़ी पीड़िता को सहायता प्रदान करने में सहायक बनता है उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में आयोग को ऐसी बहुत सी शिकायतें प्राप्त हुई , जिसके कारण 2018 में एन आर आई सेल भी स्थापित किया और सफलतापूर्वक शिकायतों का निपटान भी कियाl जिससे अनेकों पीड़िताएं लाभान्वित भी हुई l जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण कुरुक्षेत्र के सचिव चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट दुष्यंत चौधरी ने नॉन रेजिडेंट इंडियन वीमेन के खिलाफ हिंसा पर उपलब्ध अनेकों प्रावधानों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि पीड़िता क़ानूनी प्रावधान के अंतर्गत शारीरिक एवं मानसिक क्रूरता के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है l उन्होंने महिलाओं को प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क कानूनी सहायता देने क़ी कटिबद्धता को भी उल्लेख कियाl इस अवसर पर बोलते हुए ए० एस० राय आई0पी0एस0 अति० पुलिस महानिदेशक पंजाब पुलिस ने बताया कि पंजाब में नॉन रेजिडेंट इंडियन वीमेन के खिलाफ बढ़ते मामलों को देखते हुए 2013 में पंजाब पुलिस में एन आर आई सेल क़ी स्थापना क़ी गयी और 15 एन आर आई पुलिस स्टेशन भी बनाये गए l ताकि ऐसी शिकायतों को प्रमुखता से सुना जा सके l
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में कार्रवाही करने में पंजाब पुलिस को भारत सरकार के इंडियन ओवरसीज सेल का भी पूरा सहयोग मिल रहा है l वर्ष 2010 के बाद बहुत से देशों ने शिक्षा को इमग्रेशन के साथ जोड़ दिया है l लड़कियां लड़कों से शिक्षा में आगे होने के कारण , इमग्रेशन के लिए होने वाले टेस्ट में लड़कियों की योग्यता को माध्यम बना कर लड़के के परिवार वाले लड़की क़ी शिक्षा इत्यादि का खर्च स्पांसर करते है l शादी करके एक एग्रीमेंट बना लेते है कि लड़की को सिटीजनशिप मिलने पर लड़की लड़के को भी वही सिटीजनशिप दिला देगी l लेकिन ऐसी भी लड़कियों के खिलाफ शिकायत दर्ज है जो लड़के के परिवार वालों के पैसों से विदेश में पढ़कर वापस लौट कर नहीं आयी और ना ही संपर्क किया l वेबिनार के प्रमुख वक्ता अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ० मनदीप मित्तल अति० सचिव पंजाब विधिक सेवाएं प्राधिकरण जो पंजाब में पहली एन आर आई कोर्ट के न्यायाधीश थे , अपने अनुभव साझा किये उन्होंने बताया क़ी कैसे कानून में उपलब्ध प्रावधानों का अध्ययन किये उनका क्रियान्वन कर अपनी समझबुझ से सैकड़ों पीड़ित परिवारों क़ी मदद की l
वेबिनार मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. एस.एस. शशि सुप्रसिद्ध सामाजिक वैज्ञानिक एवं पूर्व महानिदेशक प्रकाशन विभाग भारत सरकार ने कहा कि एन आर आई विवाह के मुद्दे एवं नॉन इंडियन वीमेन के खिलाफ हिंसा एक सामाजिक बुराई भी है उन्होंने नैतिक शिक्षा को इसका हल बताया और बचपन से ही बच्चों को अच्छे संस्कार देने का आग्रह किया l डॉ शशि ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाए युवाओं में अच्छे संस्कार देने का माध्यम बने l भागीदारी जन सहयोग समिति के महासचिव विजय गौड़ ने बताया कि वेबिनार में देशभर के 27 राज्यों से 5000 लोग जुड़कर लाभान्वित हुए वेबिनार में 5 यूनिवर्सिटी सहित देश के विभिन्न राज्यों की शैक्षणिक एवं स्वेच्छासेवी संस्थाए ने सक्रिय भागीदारी दी l अंत में भागीदारी जन सहयोग समिति के उपाध्यक्ष भारत भूषण ने सभी का धन्यवाद प्रस्ताव के साथ आभार व्यक्त किया l
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