सीबीआई के डीएसपी, इंस्पेक्टर की बैंकों को चूना लगाने वालों से सांठगांठ ।
इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में अपने ही डीएसपी आर के ऋषि ,इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ और वकील मनोहर मलिक को गिरफ्तार किया है। बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने वालों से सीबीआई अफसरों की सांठगांठ का खुलासा हुआ है। तीनों आरोपियों को सीबीआई ने 5 दिन के लिए रिमांड पर लिया है
अफसरों की आरोपियों से सांठगांठ-
सीबीआई ने 12 जनवरी 2021 को डीएसपी आर के ऋषि, डीएसपी आर के सांगवान, इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ और स्टेनो समीर कुमार सिंह के अलावा वकील मनोहर मलिक और अरविंद कुमार गुप्ता के खिलाफ आपराधिक साजिश ,भ्रष्टाचार/ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया था।
श्री श्याम पल्प और बोर्ड मिल कंपनी की अतिरिक्त निदेशक मनदीप कौर ढिल्लन, फ्रॉस्ट इंटरनेशनल कंपनी के निदेशक सुजाय देसाई और उदय देसाई भी इस मामले में अभियुक्त हैं।
बैंकों को चूना लगाने वालों के मददगार बने अफसर –
बैंक फ्रॉड के मामले में इन कंपनियों के आरोपियों ने खुद को बचाने और जांच से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए सीबीआई के अफसरों को रिश्वत दी थी। श्री श्याम कंपनी की ओर से मामले के पहले जांच अफसर रहे डीएसपी आर के सांगवान को दस लाख रुपए मिले थे। सांगवान ने यह रकम इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ को दी और उससे जांच से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।
सीबीआई की एफआईआर के अनुसार आरोपी सुजाय और उदय की ओर से डीएसपी आर के ऋषि ने इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ को दस लाख रुपए दिए थे।
भ्रष्टाचार की आरोपी चंडीगढ़ की कंपनी को बचाने/ मदद के लिए डीएसपी आर के ऋषि को दो बार 15 लाख रुपए दोनों वकीलों से मिले थे।
इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ को दो बार ढ़ाई लाख रुपए वकील अरविंद गुप्ता ने दिए थे।
डीएसपी दलाल बना-
डीएसपी आर के ऋषि ने इस मामले में सीबीआई अफसरों और कंपनी वालों के बीच दलाल के रूप में काम किया है।
डीएसपी आर के ऋषि पहले बैंकिंग फ्रॉड मामलों की जांच इकाई में तैनात था। वह अपने सहयोगियों को रिश्वत देकर उनसे गोपनीय सूचनाएं हासिल करता था।
आरोपी डीएसपी आर के ऋषि के देवबंद और रुड़की परिसरों में भी तलाशी ली गई।
इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ बैंकिंग क्षेत्र से सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर है।
आरोपी स्टेनो समीर ने कई अन्य संवेदनशील मामलों से जुड़ी सूचनाएं भी इन दोनों डीएसपी को दी थी।
पिछले सप्ताह सीबीआई ने दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ और कानपुर में तलाशी ली थी। सीबीआई को पता चला था कि उसके चार अधिकारी और कर्मी बैंक धोखाधड़ी के मामलों में जांच के तहत कंपनियों के पक्ष में काम कर रहे हैंं। |
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